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एक समय नेहरू फ़िलिस्तीन के समर्थन में थे, आज अधिकतर लोग इसके समर्थक, जेएलएफ में बोले-राजदूत सरना

Gaza Ceasefire: इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के बीच भारत में ग़ाज़ा परी हुई चर्चा के दौरान फ़िलिस्तीन के समर्थन में स्वर मुखर हुए।

भारतFeb 01, 2025 / 01:25 pm

M I Zahir

The World afetr Gaza

The World afetr Gaza

Gaza Ceasefire: अमेरिका में भारत (India) के राजदूत नवतजसिंह सरना ने कहा है कि यह बहुत ख़तरनाक स्थिति है कि जहां एक तरह का स्थाई ध्रुवीकरण हो रहा है। वे जयपुर की एक होटल में आयोजित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ( jaipur Literature festival) के दौरान पंकज मिश्रा ( Pankaj Mishra) की किताब द वर्ल्ड आफ्टर ग़ाज़ा ( The world after Gaza) पर चर्चा के मौके पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ( Nehru) फ़िलिस्तनियों के समर्थन में थे। जबकि वर्तमान में स्थिति कुछ अलग है, मगर इंडिया की मेजोरिटी फ़िलिस्तीन के साथ है। उनके इतना कहते ही फ़िलिस्तीन के पक्ष में तालियां बज उठीं। सैशन के दौरान फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में यह बात भी रखी गई कि इज़राइल फ़िलिस्तीनियों को अपने देश से जबरदस्ती नहीं निकाल सकता, और न ही मार सकता है।
जेएलएफ में ग़ाज़ा संघर्ष और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को लेकर चर्चा के दौरान मौजूद गणमान्यजन।

किताब केवल सिर्फ ग़ाज़ा संघर्ष तक सीमित नहीं

ग़ाज़ा संघर्ष और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को लेकर जेएलएफ में चर्चा के दौरान लेखक पंकज मिश्रा ने बताया कि उनकी किताब सिर्फ ग़ाज़ा संघर्ष तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति और मानवता पर इसका दूरगामी असर भी उजागर करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग़ाज़ा में हुई हिंसा सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी है।

लाखों निर्दोष नागरिकों की जिंदगी से जुड़ा हुआ मसला

चर्चा के दौरान ब्रिटिश-फिलिस्तीनी लेखिका सेल्मा दब्बाग ने इस संघर्ष के मानवीय पक्ष पर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे यह मसला सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि लाखों निर्दोष नागरिकों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बातचीत के दौरान ग़ाज़ा में आम लोगों के हालात और मुश्किलों के बारे में बताया। सैशन के दौरान सवाल जवाब के बीच आगे की लाइन में बैठे एक दर्शक ने कहा कि इराज़इली हूं और भारत जैसे देश में इस पर चर्चा होना बहुत अहम है। इस सत्र में मिश्रा के अलावा शायर ,गीतकार और लेखक जावेद अख्तर भी मौजूद थे।
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