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युद्ध लड़ने के लिए धोखे से यूक्रेन भेजे गए 7 भारतीयों में से एक मोहम्मद अस्फान की मौत

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हाल ही में 7 भारतीयों के फंसने और ज़बरदस्ती युद्ध के मैदान पर भेजे जाने की बात सामने आई थी। अब इनमें से एक की मौत हो गई है।

Mar 09, 2024 / 04:40 pm

Tanay Mishra

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Mohammed Asfan

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच 24 फरवरी 2022 से चल रहे युद्ध को 2 साल से भी ज़्यादा समय हो चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के इरादे से उनके आदेश पर रूस की सेना ने यूक्रेन को घेरते हुए हमला कर दिया था पर रूस अब तक इस युद्ध को जीत नहीं पाया है। हालांकि इस युद्ध में न सिर्फ यूक्रेन के नागरिक, बल्कि सैनिकों ने भी जान गंवाई हैं। बड़ी संख्या में लोगों को देश छोड़कर भी जाना पड़ा है। पर रूस की सेना को भी इस युद्ध की वजह से अपने कई सैनिकों को खोना पड़ा है। ऐसे में रूस ने कई सैनिकों की भर्ती भी की है। हाल ही में एक बात सामने आई थी कि भारत (India) के 7 नागरिक, जो घूमने के लिए रूस गए थे, पर उन्हें भी युद्ध के मैदान में उतरना पड़ा। अब उनमें से एक शख्स की मौत हो गई है।


मोहम्मद अस्फान की मौत

सातों भारतीयों में से एक मोहम्मद अस्फान (Mohammed Asfan) की यूक्रेन में युद्ध लड़ने के दौरान मौत हो गई है। मोहम्मद हैदराबाद का रहने वाला था और उसकी उम्र 30 साल थी। मोहम्मद की मौत 6 मार्च को हुई।

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कैसे फंसा युद्ध के मैदान में मोहम्मद?

कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में इसमें 7 भारतीय नागरिकों को दिखाया गया था जिन्होंने बताया कि वो नए साल का जश्न मनाने के लिए दिसंबर 2023 के अंत में रूस गए थे। हालांकि कुछ लोगों, का मानना था कि वो सभी नौकरी पाने के लिए रूस गए थे। मोहम्मद के परिवार ने भी यह बात ही कही है। वीडियो में शख्स के अनुसार रूस में घूमने के बाद सातों भारतीय नागरिकों को एक ट्रैवल एजेंट ने बेलारूस (Belarus) घूमने के लिए भी कहा। सातों ने उसकी बात मान ली और घूमने के लिए बेलारूस चले गए।

सातों भारतीय नागरिक जब बेलारूस पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उन्हें वीज़ा की ज़रूरत पड़ेगी। उन्हें यह बात पहले नहीं पता थी। ऐसे में ट्रैवल एजेंट ने उनसे पैसे मांगे पर उनके पास और पैसे नहीं थे। ऐसे में ट्रैवल एजेंट उन्हें हाईवे पर छोड़कर गायब हो गया। इसके बाद सातों भारतीय नागरिकों को पुलिस ने पकड़ लिया और उनको रूसी सेना के हवाले कर दिया।

सातों भारतीय नागरिकों को रूसी सेना ने एक जगह 4-5 दिन रखा और उसके बाद उनकी बात हिंदी बोलने वाले एक शख्स से कराई। उस शख्स ने बताया कि या तो उन्हें रूस में 10 साल की जेल की सज़ा बितानी होगी या फिर कॉन्ट्रैक्ट साइन करना होगा। इस कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार सभी को हैल्पर की नौकरी मिल जाएगी जिसमें खाना बनाना, ड्राइवर का काम जैसी नौकरी शामिल हैं। कॉन्ट्रैक्ट रूसी भाषा में था और इस वजह से सातों भारतीय नागरिकों को ही समझ नहीं आया। उन्होंने इसे साइन कर दिया और इसके बाद सेना ने उन्हें ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया।

वहाँ जाकर उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है और उन्हें हैल्पर की नौकरी नहीं, बल्कि धोखे से उनसे सेना की ट्रेनिंग और भर्ती के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया। इसके बाद करीब 15 दिन की सैन्य ट्रेनिंग के बाद सातों भारतीय नागरिकों को युद्ध के लिए यूक्रेन भेज दिया गया जहाँ उन्हें लड़ने के लिए फ्रंटलाइन पर लगा दिया गया था।

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अवशेषों को भारत लाने के किए जा रहे हैं प्रयास

मॉस्को (Moscow) में भारतीय दूतावास की तरफ से मोहम्मद की मौत पर शोक व्यक्त किया गया। साथ ही इस बात की भी जानकारी दी गई कि दूतावास लगातार मोहम्मद के परिवार के संपर्क में हैं और मोहम्मद के अवशेषों को भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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