तीन दिवसीय अमरीका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री की आज अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन से मुलाकात होनी है। अमरीका का राष्ट्रपति बनने के बाद जो बिडेन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच तीन बार वर्चुअली मुलाकात हो चुकी ह। मगर यह पहली बार है, जब वे आमने-सामने होंगे। माना जा रहा है कि मोदी और बिडेन की इस मुलाकात से दोनों नेताओं के बीच अच्छी समझ बनेगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार रात को अमरीका की शीर्ष पांच कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मिले थे। इसके बाद उन्होंने उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की। बताया जा रहा है कमला हैरिस से मोदी की मुलाकत अच्छी रही। मोदी की यह यात्रा रविवार को खत्म हो रही है।
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बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कमला हैरिस को भारत आने के लिए आमंत्रित भी किया। दूसरी ओर, इस मुलाकात के दौरान कमला हैरिस ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। उन्होंने पाकिस्तान को कहा है कि वह इन आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करे, जिससे अमरीका और भारत की सुरक्षा पर कोई असर नहीं हो। बैठक से पहले दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान कमला हैरिस की मदद को याद करते हुए कहा कि उनके उपराष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच कई बार बात हुई है। एक बार तब बात हुई, जब भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा था। तब कमला हैरिस के एकजुटता व्यक्त करने वाले शब्द उन्हें याद हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमरीका की सरकार एवं कंपनियां और प्रवासी भारतीय समुदाय कोविड महामारी से बहुत कठिन मुकाबले में काफी मददगार रहे। अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन और खुद कमला हैरिस ने ऐसे समय पदभार संभाला, जब पूरी दुनिया कठिन चुनौती से जूझ रही थी और बहुत कम समय में उन्होंने तमाम उपलब्धियां हासिल कर ली हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी और जो बिडेन की पहली मुलाकात पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं। इस दौरान रक्षा, आपसी रिश्ते और भारतीयों का वीजा मुद्दा तथा कारोबार पर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि कई और प्रमुख मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन सकती है। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए भी यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। अमरीकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के फैसले के बाद अमरीका को लेकर वैश्विक नजरिया बदला है। लिहाजा, अमरीका को इस इलाके में एक भरोसेमंद साथी के तौर पर भारत की जरूरत है। भारत के लिए भी अमरीका का सहयोग आतंकवाद और कट्टरवाद से लड़ाई था तालिबान पर दबाव बनाए रखने को लेकर महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी आज यानी 24 सितंबर को वाशिंगटन से न्यूयार्क के लिए रवाना होंगे। वह 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे। इमरान का भाषण मोदी के भाषण से पहले होगा। इसके बाद मोदी 26 सितंबर को भी न्यूयार्क में रहेंगे। संभव है कि वे इस बीच कुछ भारतीयों से मुलाकात करेंगे। 26 सितंबर की रात को वे न्यूयार्क से भारत के लिए रवाना होंगे और 27 सितंबर की सुबह वे दिल्ली पहुंच जाएंगे।