नई दिल्ली में सियासत गर्म
भारत के मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह के लिए नई दिल्ली में भारी गहमागहमी है । संडे की शाम होने वाले शपथग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए कई देशों के प्रमुख पहुंच चुके हैं। ऐसे में हर जगह एक चर्चा जरूर हो रही है कि पाकिस्तान ने मोदी को अब तक बधाई नहीं दी है पाकिस्तान के शीर्ष सरकारी अधिकारी का कहना है कि मोदी के शपथ ग्रहण के बाद पाकिस्तान उन्हें बधाई देगा। याद रहे कि नरेंद्र मोदी रविवार शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे हैंरिश्ते मधुर करने में बाधक
अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आतंकवाद और कश्मीर एक ऐसा मुददा है, जो रिश्ते मधुर करने में बाधक बनते हैं और बात बनते बनते बिगड़ जाती है। वह अपनी जिद छोड़ना नहीं चाहता और बातचीत भी अपनी शर्तों पर ही चाहता है। पाकिस्तान भारत से रिश्ते सुधारना चाहता है, लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा है और अब पाकिस्तान ने कहा,शपथ ग्रहण के बाद मोदी को बधाई देंगे।जहरा बलोच का बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच (Mumtaz Zahra Baloch) ने कहा है कि उम्मीद है भारत भी दोनों देशों में शांति के लिए जरूरी कदम उठाएगा। पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारत समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। वह किसी भी विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए तैयार है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने शुक्रवार को कहा था,”भारत की तरफ से हो रही बयानबाजी और तमाम मुश्किलों के बावजूद हमने जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है।”हल निकालने की कोशिश
मुमताज ने आगे कहा, “हम भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के विवाद समेत सभी मसलों को बातचीत के जरिए हल निकालने को तैयार हैं। हम शांतिपूर्ण तरह से साथ मिलकर आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों देशों में शांति बनाए रखने के लिए भारत भी बातचीत से समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करेगा।”अभी बयान देना सही नहीं
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर भी सवाल पूछा गया। इस पर बलोच ने कहा कि भारत में सरकार बनने की प्रक्रिया अभी चल रही है। ऐसे में इस बारे में कोई भी बयान देना सही नहीं होगा।भारत-पाक रिश्तों का इतिहास
भारत से रिश्ते सुधारने के बारे में पिछले 4 महीनों के दौरान पाकिस्तान के अलग-अलग मंत्री कई बार बयान दे चुके हैं। अप्रेल में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उम्मीद जताई थी कि भारत में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधरेंगे। उन्होंने कहा था कि भारत-पाक संबंधों का अपना एक खास इतिहास रहा है। ऐसे में चुनाव के बाद हालात बदलने की उम्मीद है।समीक्षा के बाद निर्णय
इससे पहले 23 मार्च को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इस्हाक डार (Ishaq Dar) ने कहा था कि पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है। सरकार मामले से जुड़े लोगों से सलाह लेकर सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद निर्णय लेगी।पाकिस्तान के मंत्री ने कहा था- मोदी को हराना ही होगा
भारत के लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ( Fawad Chaudhry) ने कहा था कि वे चाहते हैं नरेंद्र मोदी यह चुनाव हार जाएं। फवाद ने कहा था कि पाकिस्तान में हर कोई यह चाहता है। भारत पाकिस्तान के रिश्ते तभी सुधरेंगे, जब दोनों देशों में अतिवाद कम होगा।मोदी की शिकस्त जरूरी : फवाद
फवाद ने कहा था कि भारत में आरएसएस और भाजपा पाकिस्तान के लिए लोगों के दिलों में लगातार नफरत भर रहे हैं। नरेंद्र मोदी की सोच कट्टरपंथी है, उनकी शिकस्त होना बहुत जरूरी है। जो भी उनको हराएगा चाहे वे राहुल हों, केजरीवाल हों या ममता बनर्जी हों, उसके साथ हमारी शुभकामनाएं हैं।370 नहीं, तो भारत से रिश्ते नहीं
भारत की केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई थी। इस आर्टिकल के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था। इसे खत्म करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बहुत खराब हो गए थे।उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan) थे। उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक भारत से कोई बातचीत नहीं होगी।