अश्विनी वैष्णव के बारे में
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल में गुड बुक में रहने वाले मंत्रियों में अश्विनी वैष्णव भी एक प्रमुख नाम है। अश्विनी वैष्णव एक भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व आईएएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में 2021 से भारत सरकार में 39वें रेल मंत्री, 55वें संचार मंत्री और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्यरत हैं और 2019 से ओडिशा का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा के सदस्य हैं।
जन्म: 18 जुलाई 1970।
शिक्षा: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (1994)
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी।
ये मंत्रालय भी संभाल चुके
मोदी कैबिनेट 3.0 में
अश्विनी वैष्णव को सूचना-प्रसारण मंत्री बनाया गया है। वे
नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में रेल मंत्री रहने के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। हालांकि वे ओडिशा से राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन मूलरूप से वे राजस्थान के रहने वाले हैं। पार्टी गृह, विदेश, रक्षा और वित्त जैसे सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को अपने पास रखना चाहेगी। इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि सूचना-प्रसारण (I&B) जैसे महत्वपूर्ण विभाग को कौन संभालेगा। पिछली सरकार में यह पद अनुराग ठाकुर के पास था, जो पहले बीसीसीआई के प्रमुख थे और उन्होंने युवा मामले एवं खेल विभाग भी संभाला था।
जोधपुर से ग्रेजुएशन किया
जोधपुर के जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। बाद में आईआईटी कानपुर से एम.टेक करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए थे। आईएएस अफसर रहे
अश्विनी वैष्णव वर्ष 1994 बैच के आईएएस अफसर रहे हैं। उन्हें ओडिशा कैडर अलॉट हुआ था। वे बालासोर और कटक जिले के कलक्टर भी रहे हैं। वर्ष 2003 तक उन्होंने ओडिशा में कार्य किया। बाद में अटलबिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें पीएमओ में उपसचिव बनाया गया था।
ओडिशा निर्वाचन क्षेत्र
बाद में वे उनके निजी सचिव भी बन गए थे। वर्ष 2004 एनडीए केंद्र की सत्ता से बाहर हो गया था। इसके कुछ सालों बाद वर्ष 2010 में उन्होंने आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। पूर्व आईएएस रहे अश्विनी वैष्णव का निर्वाचन क्षेत्र ओडिशा है। पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र
वैष्णव सन 2008 में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने के लिए अमरीका चले गए। पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र भाजपा नेता पहली बार 2019 में ओडिशा से राज्यसभा के लिए चुने गए और
नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) के सक्रिय समर्थन से इस साल फरवरी में संसद के उच्च सदन के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए।
पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी : एक नजर
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय की सन 1740 में स्थापना हुई थी, इसे पेन के नाम से जाना जाता है और यह एक आइवी लीग विश्वविद्यालय की पाठ्यपुस्तक की तरह दिखता है, जिसमें पर्याप्त विस्तृत गॉथिक इमारतें और हरे-भरे खूबसूरत आंगन हैं, जो आपको नजदीकी यूनिवर्सिटी में जाने के लिए प्रेरित करते हैं।
एक पिकनिक स्पॉट
फ़िलाडेल्फ़िया से पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी पांच मिनट में पहुंच सकते हैं। इसके कैम्पस, और खासकर रूप से टिड्डी वॉक, जो इसके माध्यम से चलता है, विजिटर्स और स्टूडेंट्स को शहर की हलचल से राहत देता है, और अच्छे दिनों में, यहां तक कि एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी दोगुना हो जाता है।
ऑपरेटिंग फुटबॉल स्टेडियम
यह मैदान एअलेक्जेंडर काल्डर की आर्ट और “ब्रिक हाउस”, एक नई सिमोन लेह मूर्तिकला का भी घर है। यहां बेन फ्रैंकलिन की एक मूर्ति एक बेंच पर लटकी हुई है और फ्रैंकलिन फील्ड, देश का सबसे पुराना ऑपरेटिंग फुटबॉल स्टेडियम (और पेन रिलेज़ का घर) है।
कैम्पस टूरिज्म
इस कैम्पस में ठंडी खुशगवार हवा ताजगी का एहसास करवाती है। भावी छात्रों के लिए दौरे का नेतृत्व प्रवेश कार्यालय करता है, और इसके लिए एडवांस में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है हालांकि, अधिकतर आगंतुकों के लिए, एक टूर गाइड जरूरी नहीं है, यहां स्कूल और उसकी कम्युनिटी का आनंद लेने के लिए बस कैम्पस में टहलेंगे तो बहुत मजा आएगा। पेन कैम्पस का अधिकतर भाग छात्रों और आशावान हाई स्कूलर्स से भरा हुआ है।
यह किसके लिए अच्छा
पेन का कैम्पस शूइलकिल नदी के पार शहर के एक हिस्से वेस्ट फिली को जोड़ता है, जो विजिटर्स को फिली का एक अलग शहर जॉय करवाता है। कैम्पस और आसपास थोड़ी धीमी स्पीड से जाएं। कैम्पस का पता लगाने के लिए पश्चिम की ओर जाएं, और वेस्ट फिली संस्थान व्हाइट डॉग कैफे में लंच करें, जहां रेस्तरां के प्रत्येक छोटे आंतरिक कमरे को एक अलग रूप में सजाया गया है।