विरोधी लड़ाकों ने 100 सैन्य चौकियों पर किया कब्जा
यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस थिंक टैंक का कहना है कि ‘जबरदस्त तालमेल’ के साथ काम कर रहे सैन्य शासन विरोधी लड़ाकों ने 100 सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है और शासन उन प्रमुख सीमा क्रॉसिंग्स पर नियंत्रण खो रहा है जो सीमा पार व्यापार का लगभग 40% और महत्वपूर्ण कर राजस्व स्रोत के लिए जिम्मेदार हैं। चीन ने दोनों पक्षों से लड़ाई रोकने की अपील की है। चीन ने म्यांमार के सुदूर इलाके में अरबों डॉलर का ऊर्जा बुनियादी ढांचा निवेश बनाए रखा है।
‘ऑपरेशन 1027’ ने उड़ाए म्यांमार जुंटा के होश
एक राजनयिक के अनुसार तख्तापलट के बाद सैन्य शासन के लिए यह सबसे कमजोर स्थिति है। विद्रोही गुटों ने सैन्य शासन के खिलाफ अपनी लड़ाई को ‘ऑपरेशन 1027’ नाम दिया है, जिसने सेना के होश उड़ा दिए हैं। म्यांमार के समानांतर नागरिक प्रशासन या ‘राष्ट्रीय एकता सरकार’ के एक सलाहकार के अनुसार प्रतिरोध समूह सेना को हराने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। बमर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के नेता माउंग सौंगखा का कहना है कि विद्रोही गठबंधन ने सशस्त्र सेना से मुकाबला करने की तैयारी में एक साल से ज्यादा समय बिताया है।
सैन्य शासन को शह देना पड़ा चीन को भारी
सैन्य नेतृत्व पर पहले से ही आर्थिक प्रतिबंधों, विदेशी मुद्रा की कमी और भ्रष्टाचार के मामलों का दबाव है। विश्लेषकों का कहना है कि चीन सैन्य शासन को शह देता रहा है। अब अराकान आर्मी, म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी और तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी वाले ‘ब्रदरहुड एलायंस’ ने म्यांमार के सैन्य शासन सहित चीन को नाकों चने चबवा दिए हैं। हिंसा के कारण चीन के कई बड़े प्रोजेक्ट्स खतरे में आ गए हैं। विद्रोहियों ने चीन के एक बड़े रास्ते पर नियंत्रण कर लिया है और व्यापारिक नुकसान हुआ है। चीन ने पुष्टि की है कि सीमा पर गोलीबारी से कुछ चीनी भी हताहत हुए हैं। विद्रोहियों ने 27 अक्टूबर को शान राज्य के हसेनी शहर में नामतू नदी पर बने एक पुल को उड़ा दिया। यह चीन और म्यांमार के बीच व्यापार का बड़ा रास्ता है।
अकेले नवंबर महीने में 90 हज़ार विस्थापित
यूनाइटेड नेशन्स ने शुक्रवार को कहा कि नवंबर की शुरुआत से सैन्य शासन और जातीय सशस्त्र समूहों के गठबंधन के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण म्यांमार में लगभग 90,000 लोग विस्थापित हो गए हैं। शान राज्य में लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जहाँ गोलाबारी और हवाई हमले जारी हैं और कुछ लोग चीन में घुस गए हैं। पड़ोसी सागांग क्षेत्र और काचिन में झड़पों के कारण 40,000 से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।