कीर स्टार्मर ने माना भारत का है कश्मीर
ब्रिटेन में 192 साल बाद जीत हासिल करने वाली लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार कीर स्टार्मर भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत और सार्वजनिक संबोधनों के दौरान, स्टार्मर ने कहा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न मुद्दा है और दोहराया कि इसे भारत और पाकिस्तान के बीच हल किया जाना चाहिए। उन्होंने इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान भी लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के साथ एक बैठक के दौरान कहा था कि “भारत में कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मामला है और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के लिए एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए।” बता दें कि कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी प्रतिक्रिया देती रही है। जो ब्रिटेन सरकार से अलग है। जबकि ब्रिटेन सरकार का कहना है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है।
कश्मीर पर लेबर पार्टी का भारत विरोधी रुख
बता दें कि लेबर पार्टी कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी रुख अपनाती आई है। पार्टी कश्मीरियों के लिए आत्मनिर्णय के आह्वान का समर्थन करती रही है। खास तौर पर साल 2019 में जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व में, लेबर ने अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को कश्मीर में प्रवेश करने की वकालत करते हुए एक आपातकालीन प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव में कॉर्बिन से भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु तनाव को रोकने के लिए मध्यस्थता की सुविधा और शांति बहाल करने के लिए दोनों देशों के उच्चायुक्तों के साथ जुड़ने का भी आग्रह किया गया। ये भी पढे़ें- 192 साल बाद ब्रिटेन चुनाव में कीर स्टार्मर की Labour Party का क्लीन स्वीप, PM Rishi Sunak की करारी हार
कैसे स्टार्मर ने कश्मीर पर अपनी पार्टी का रुख बदला?
कीर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने अपने रुख में काफी अंतर देखा। कीर स्टार्मर ये अच्छी तरह समझते हैं कि ब्रिटेन की सियासत में भारतीयों की कितना महत्व है और उन्हें जो ये जीत मिली है उसमें भारतीयों का कितना बड़ा हाथ है। ऐसे में उन्होंने भारत के साथ अपने संबंधों को और ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए कश्मीर मुद्दे पर अपना रुख बदला ताकि इसका फायदा पार्टी के साथ ही उन्हें भी मिले। कीर स्टार्मर ने अपने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर भारत के एक अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को हल करना चाहिए। ये भी पढ़ें- भारत को ब्रिटेन की जिस पार्टी ने आज़ादी दिलाई, चुनाव में उसे मिल रही बंपर जीत