FBI का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी
ट्रंप ने कहा कि काश पटेल ने 60 से ज्यादा जूरी ट्रायल में भी हिस्सा लिया हैं। ये अमेरका में बढ़ते अपराधों को रोकने का काम करेंगे। सीमा पार से मानव और ड्रग्स तस्करी से अमेरिका को बचाएंगे। बता दें कि अगर अमेरिकी सीनेट की तरफ से काश की नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो काश पटेल अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी FBI का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले दक्षिण एशियाई होंगे।कौन हैं काश पटेल
काश पटेल मूल रूप से भारत के गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। उनका पूरा नाम कश्यप पटेल है। काश पटेल के पिता 1970 के दशक में अमेरिका आ गए थे। इसके बाद 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में काश पटेल का जन्म हुआ। काश ने ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज से अंतरराष्ट्रीय कानून की पढ़ाई की है। काश राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में काम कर चुके हैं. काश पटेल एक अमेरिकी वकील और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। वे अमेरिका की राजनीति और सुरक्षा नीति में अहम भूमिका निभा चुके हैं। काश पटेल डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान चर्चा में आए थे। पटेल ने कई प्रमुख सरकारी पदों पर कार्य किया है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council) और रक्षा विभाग (Department of Defense) शामिल हैं। काश हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में रिपब्लिकन स्टाफ के वरिष्ठ सदस्य भी रह चुके हैं। जहां उन्होंने रूस के साथ कथित संबंधों की जांच के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे “न्यूनस मेमो” (Nunes Memo) के सह-लेखक भी रहे हैं जिसने रूस की जांच में FBI और न्याय विभाग (DoJ) की भूमिका पर सवाल उठाए थे।