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NRI Special : हमेशा सुर्खियों में रहने वाली प्रवासी भारतीय शख्सियत हैं कपिल कुमार, विदेश में कर रहे भारत का नाम रोशन, जानिए सक्सेस स्टोरी…

भारत के बाहर आत्मीयता से भरा भारत है। भारतीय प्रतिभाओं की रश्मियां विश्व में अपनी आभा बिखेर रही हैं। साहित्य, अभिनय, लेखन और पत्रकारिता के हवाले से सुर्खियों में रहने वाली ऐसी ही प्रवासी भारतीय एक शख्सियत का नाम है कपिलकुमार (kapilkumar)। वे एक्टर (Actor), लेखक ( Writer) और जर्नलिस्ट ( Journalist) हैं। आइए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी ( Success story) उन्हीं के शब्दों में सीधे बेल्जियम (Belgium news in hindi)से :

Mar 07, 2024 / 06:25 pm

M I Zahir

बचपन से ही साहित्य की ओर आकर्षण था, मुझे मालूम नहीं क्यों शायद ईश्वर ने मुझे इसलिए ही भेजा था, पिछले जन्म की अधूरी यात्रा पूरी करने के लिए, मगर मुझे लगता है कि यह यात्रा कभी पूर्ण होने वाली, क्योंकि इच्छाएं अनगिनत हैं और जीवन बहुत ही छोटा सा। फिर भी बचपन में शायद मैं 4 साल का था, किसी प्रोग्राम में पड़ोसी के घर माँ बाप लेकर गए थे याद है, वहां किसी ने कुछ गाया..बोल ऐसे थे..जीते लकड़ी मरते लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का।
बस कोमल मन में यह घर कर गया और इसकी एक झलक मेरे पहले प्रोग्राम जो पहली क्लास में था. उस समय शायद मुझे यह समझ में नहीं थी कि मैं क्या कह रहा हूँ और उसका मतलब क्या है?
परंतु मुझे तो मेरा जिंदगी सफ़र तय ही करना था,मुझे मेरी मंजिल की झलक तो मिल चुकी थी, मगर आगे का रास्ता प्रशस्त किया मेरी चाहत ने मैं हमेशा रामलीला के कलाकारों की रिहर्सल देखने जाता था और बड़ी शिद्दत से देखता था, यह शायद डायरेक्टर ने भी देखा और जब एक दिन लक्ष्मण जी का किरदार अदा करने वाले शख्स ने अपनी असली सूरत दिखलाई, शायद पी कर आय़ा था, बस डायरेक्टर साहब ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखलाया, मगर कल की रामलीला कैसे होगी वो चिंता में कुछ देर डूब गए इसी दौर में उन्होंने मुझ पर नज़र डाली और कहा कि लक्ष्मण मिल गया और कहा कि तुम कल लक्ष्मण का रोल करोगे. मैंने कहा कि सर मुझे अभिनय का कोई भी तजुर्बा नहीं है?
उन्होंने कहा, कोई बात नहीं यही से शुरुआत करो,बस दूसरे दिन जो तालियां बज रही थीं, मेरे अभिनय पर इसी का नतीजा है कि मैं आज तक साहित्य और कला से जुड़ा हूँ, फिर अपना म्युजिकल ग्रुप बनाया, बहुत स्टेज प्रोग्राम और म्युजिकल प्रोग्राम किए, फिर बॉलीवुड से जुड़ना हुआ। डिस्ट्रिब्यूशन और फाइनेंस के साथ, मगर ज्यादा नहीं चला सफ़र, क्योंकि कुछ ग़लत अनुभव और वित्तीय घाटे के साथ। आखिर में देश छोड़ने का फैसला कर के बैल्जियम आ गया।
कुछ मजबूरियों ने कुछ साल मेरे कलाकार को बंदिश में कैद कर के रखा, मगर एक दिन सभी जंजीरें तोड़ कर मेरी तमन्नाओं ने फिर उड़ान ली और मैं फिर से लिखना शुरू हो गया,जिसका नतीजा यह हुआ कि मैंने लिखना शुरू किया और लोगों ने प्यार देना शुरू किया और आज कहाँ हूँ पता नहीं, मगर कुछ तो है जो लोगों तक पहुँचा है जो मेरे आत्म विश्वास का कारण है…।
—कपिलकुमार, बेल्जियम।

लाइमलाइट पर्सनेलिटी : एक नजर
कपिल कुमार

एक्टर, लेखक,जर्नलिस्ट
तकरीबन 28 सालों से यूरोप में कार्यरत
अध्यक्ष ,साहित्य समाचार
हिन्दी खबर न्यूज़ टीवी चैनल के लिए बैल्जियम में विशेष सवांददाता
Ten news के लिए यूरोप में कार्य
फाउंडर वैश्विक भाषा,कला व संस्कृति संगठन (यूरोप)
अंतरराष्ट्रीय ब्रांड अम्बेसडर हिन्दू वेल्फेयर फाउंडेशन( कला व संस्कृति )
प्रकाशित पुस्तक: इश्क़ मुक्कमल( ग़ज़ल संग्रह)
सुनहरे अश्क़( मुक्तक संग्रह)
गोल्डन टीयर्स (इंग्लिश पोइम्स)
बेपनाह (ग़ज़ल संग्रह)
जिंदगी है शायराना (ग़ज़ल संग्रह )
पलवशा ( ग़ज़ल संग्रह) हिंदी और उर्दू दोनों में।
कुछ उल्लेखनीय विशेषताएं, गतिविधियां व सम्मान
भारत बैल्जियम और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और न्यूज़ पेपर में रचनाएं और इंटरव्यू।
यूरोपियन पार्लियामेंट में हिंदी कविता पाठ।
भूतपूर्व उपाध्यक्ष :बैल्जियम हिन्दू फोरम।
हिंदी और भारतीय संस्कृति की यूरोप में प्रचार प्रसार के लिए।
बहुत सी बैल्जियम और यूरोपीय संस्थाओं के साथ साझा कार्य।
डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बेल्जियम से सम्मानित।

एंटवर्प सिटी बैल्जियम के गवर्नर से सम्मानित।
किऊरने सिटी बैल्जियम के मेयर से सम्मानित।
हारल्बेके सिटी बैल्जियम के मेयर से सम्मानित।
जापान हिंदी कल्चर सेंटर की आजीवन सदस्यता।
महाराजा अग्रसेन फ़िल्म फेस्टिवल में लाइफ टाइम अचीवमेंट गोल्डन अवार्ड से सम्मानित।
सम्मान: आगमन प्रवासी साहित्यकार सम्मान।
सन्दल सुमन काव्य कुंभ सम्मान।
नई पहल , नोयडा सम्मान।
संस्कार भारती गाजियाबाद सम्मान।
युवा उत्कर्ष साहित्य सम्मान।
मुक्तक लोक भूषण सम्मान।
रोटरी क्लब हिदी विशिष्ट सेवा सम्मान।
डॉ भरत सिंह स्मृति साहित्य गौरव सम्मान
गुरु ग्राम विश्वविद्यालय से सम्मानित।
ग्लोबल हिंदी साहित्य शोध संस्थान सम्मान।
प्रवासी भारतीय हिदी साहित्य रत्न सम्मान।
ग्लोबल हिदी ज्योति अमरीका सम्मान।
सर्जन हिंदी सेवा सम्मान अमरीका।
विश्व हिंदी सहित्यसर्जक सम्मान।
विश्व हिंदी संस्थान कनाडा से सम्मानित।
हिंदी राइटर्स गिल्ड कनाडा से सम्मानित।
कनाडा में पार्लियामेंट के सदस्यों से सम्मानित।
विश्व हिंदी सेवा सम्मान 2021, विश्व हिंदी अकादमी मुंबई व मालवा रंगमंच समिति।
हिंदी के सेनानी सम्मान 2021,जापान कल्चर सेंटर।
टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल से 2022 विश्व हिंदी सेवा सम्मान।
श्री मध्य भारत हिंदी समिति इन्दौर से 2022 विश्व पटल पर हिंदी कार्य के लिए सम्मानित 2023 ब्रिटिश पार्लियामेंट (हाउस ऑफ कॉमन)में ब्रिटिश संसद सदस्यों से हिंदी में विश्व स्तर पर कार्य के लिए सम्मानित।
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