टर्मिनस में अतिक्रमण
एक तो इस बस टर्मिनस में जगह का वैसे ही भारी अभाव है दूसरे इसके उत्तर पूर्वी भाग में दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया जो कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। इसके कारण चालकों को टर्मिनस के अंदर बसों की पार्किंग करने के लिए बेहद जद्दोजहद करनी पड़ती है। एक बस चालक दामोदरन ने बताया कि इस टर्मिनस से बस को अंदर बाहर करना टेढ़ी खीर है। जीएनटी रोड पर हमेशा वाहनों की रेलमपेल होने के कारण बस बाहर निकालने में खासा समय बर्बाद हो जाता है।
पाडिनल्लूर से हो बसों का संचालन
एक स्थानीय दुकानदार मुत्तुवेल का कहना था कि जगह की कमी के कारण कॉर्पोरेशन ने यहां से दो किलोमीटर दूर पाडिनल्लूर में भी बस टर्मिनस का निर्माण करवाया है लेकिन वहां से बहुत कम बसों का संचालन किया जा रहा है। यदि पाडिनल्लूर बस टर्मिनस का माकूल इस्तेमाल किया जाए तो यहां हो रही परेशानियों से बचा जा सकता है। एक बस चालक देवेन्द्र का कहना था कि यहां पे एंड यूज शौचालय तो है लेकिन व्यवहार लायक नहीं है। डीडीटी के छिडक़ा और सफाई नियमित नहीं होने के कारण इस शौचालय में प्रवेश करने से पहले रूमाल से नाक ढंकना पड़ता है जबकि पैसे लेने वाले दादागिरी से पैसे वसूलते हैं।
यात्री कहिन…
इस टर्मिनस के अंदर बाहर जाम लगना आम बात हो गया है। सुबह हो या दोपहर जाम लगता है और लोगों को यहां से आवाजाही करने में बेहद मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार यात्री इन बसों की चपेट में भी आ जाते हैं। एन. नंदिनी छात्रा, रेडहिल्स
यहां बस पार्किंग की जगह बिल्कुल नहीं है जबकि दिनोंदिन बसों की संख्या बढ़ रही है। यहां से होकर आंध्रप्रदेश के कई शहरो ंके लिए बस सेवाएं हैं। इसलिए एमटीसी को यहां से आधी बसें पाडिनल्लूर टर्मिनस से सचंालित करनी चाहिए।के महेन्द्र, समाजसेवी, पाडिनल्लूर