UN का कहना है कि हाल के हफ्तों में ये रिपोर्ट आई है कि गाजा (Gaza) में चल रहा राहत-बचाव कार्य और वहां के नागरिकों के लिए भेजी जा रही राहत सामग्री में काफी कमी आई है। वो सामान उन तक पहुंच ही नहीं पा रहा है। कई राहत कर्मियों को, पुलिसकर्मियों को वहां जाने से रोका जा रहा है। इजरायल के सैनिक उन पर हमला कर रहे हैं। UN के जारी किए आंकड़ों के मुताबिक पीड़ितों के लिए भेजे जाने वाले राहत सामग्री के औसतन 62 ट्रक ही गाजा के भीतर जा पा रहे हैं, जबकि हर दिन 200 ट्रकों को शहर के अंदर लेना अनिवार्य है। UN का कहना है कि बीते हफ्ते तो सिर्फ दो दिनों में 4 ट्रक ही शहर के भीतर जा पाए। ऐसे तो पीड़ितों के खाने के लाले भी पड़ जाएंगे, वहां भीषण अकाल जैसी स्थिति भी बन सकती है।
भूखे लोग घास-फूस और चारा खाने को मजबूर संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी समन्वयक जेम्स मैकगोल्ड्रिक ने कहा कि इजरायल लगातार पुलिस और राहत-बचाव सामग्री पहुंचाने वाले दल पर हमला कर रहा है, इसलिए अब वहां कोई कर्मी जाने को तैयार नहीं है। वहां ट्रक लेकर कर्मी जाते हैं तो उनके ट्रकों पर इजरायली सैनिक हमला करते हैं, ड्राइवर्स पर गोली चलाते हैं, कुल्हाड़ियों और बॉक्स कटर से हमला करते हैं और सामान नष्ट कर देते हैं। इन कर्मियों के काम करने से मना करने पर अब युद्ध प्रभावित क्षेत्र में राहत पहुंचाना मुश्किल हो गया है, लोग भूखे मर जाएंगे।
हालात ये हो गए हैं कि भूखे लोग घास-फूस और जानवरों का चारा तक खाने को मजबूर हो रहे हैं। दूसरी तरफ हालातों का फायदा उठाते हुए मुनाफाखोर भी कालाबाजारी पर उतर आए हैं और महंगी दरों पर चोरी की हुई भोजन सामग्री को बेच रहे हैं, जिसे नागरिक खरीद भी नहीं सकते।