क्या है आरोप?
इज़रायल की सेना ताबड़तोड़ गाज़ा स्ट्रिप और उसके आसपास के इलाकों पर एयर स्ट्राइक कर रही है। हाल ही में इज़रायल की सेना पर आरोप लगा है कि इज़रायल की सेना आबादी वाले इलाकों में सफेद फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कर रही है।
क्यों होते हैं ये बम बेहद खतरनाक?
सफेद फॉस्फोरस एक बेहद ही खतरनाक केमिकल होता है। ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही सफेद फॉस्फोरस जलने लगता है। इसे जहाँ इस्तेमाल किया जाता है वहाँ की पूरी ऑक्सीज़न को यह सोख लेता है और तब तक जलता रहता है जब तक उस इलाके की ऑक्सीज़न पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके धुएं का गुबार आसमान में फैल जाता है। इसके संपर्क में आने पर इंसानों को जलन महसूस होने लगती है और ऑक्सीज़न की कमी से मौत तक हो जाती है। ऐसे में ये बेहद ही खतरनाक होते हैं। अगर किसी तरह इस बम के संपर्क में आने से व्यक्ति बच भी जाए तो उसे गंभीर संक्रमण हो सकता है जिस वजह से हार्ट, लिवर, किडनी को काफी नुकसान हो सकता है और साथ ही शरीर में और भी कई परेशानियाँ हो सकती हैं।
घनी आबादी वाले इलाकों में प्रतिबंधित
ज़्यादा आबादी वाले रिहायशी इलाकों में सफेद फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। 1980 में जिनेवा कन्वेंशन में सफेद फॉस्फोरस बम के घनी आबादी और रिहायशी इलाकों में इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया था। 115 देशों ने सफेद फॉस्फोरस बम के कम से कम इस्तेमाल पर तब हस्ताक्षर किए थे। ज़्यादा आबादी या रिहायशी इलाकों में इस बम का इस्तेमाल करना केमिकल अटैक माना जाता है। हालांकि इजरायल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।