हानिया की इस साल जुलाई हत्या कर दी गई थी
हमास के सूत्रों ने अशरक अल-अवसात को बताया कि अगले नेता का नाम गुप्त रखने के मामले में संगठन में आम सहमति बनती जा रही है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कदम का मकसद नए अधिकारी को ‘काम करने के लिए अधिका मौका देना और उसे इज़राइल से बचाना है, जो आंदोलन के ज्यादातर नेताओं की हत्या करने की कोशिश कर रहा है।’ इस्माईल हानिया की मौत के बाद सिनवार को हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया गया था। हानिया की इस साल जुलाई में ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के दौरान तेहरान में हत्या कर दी गई थी।
ग़ाज़ा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए
इज़राइल की सेना ने हमास लीडर याह्या सिनवार को 16 अक्टूबर को मार गिराया। इज़राइल के मुताबिक सिनवार पिछले साल के 7 अक्टूबर अटैक का मुख्य रणनीतिकार था। इज़राइल ने 17 अक्टूबर को हमास लीडर की मौत की आधिकारिक रूप से घोषणा की। इज़राइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) और शिन बेट सिक्योरिटी एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘7 अक्टूबर के हमले और नरसंहार का सूत्रधार सिनवार, बुधवार को दक्षिणी ग़ाज़ा के राफा में गोलीबारी में मारा गया।’ गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमास के हमलों में करीब 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बंदी बना लिया गया था। इनमें से 101 बंधक अभी लापता हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वो ग़ाज़ा में मौजूद हैं। इस हमले के बाद इज़राइल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए।
मलबे में लगभग 10,000 शव दबे हुए
अलजज़ीरा की 20 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अक्टूबर 2023 में फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इज़राइल के युद्ध की शुरुआत के बाद से 42,603 लोग मारे गए हैं और 99,795 घायल हुए हैं। मंत्रालय के अनुसार, मृतकों की संख्या में पिछले 24 घंटों में हुई 84 मौतें शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या संभवतः बहुत अधिक हो सकती है। क्योंकि गाजा पट्टी में नष्ट हो चुकी इमारतों के विशाल मलबे में लगभग 10,000 शव दबे हुए हैं।
इज़राइल ने ग़ाज़ा पर आक्रमण शुरू किया
बहरहाल इज़राइल और हमास के बीच का तनाव बढ़ गया है और इज़राइल ने पिछले हमले के जवाब में ग़ाज़ा पर आक्रमण शुरू किया है। रिपोर्ट में मृतकों और घायलों की संख्या संघर्ष की गंभीरता दर्शाती है। नई राजनीतिक स्थिति में हमास के नेताओं के नाम गुप्त रखने का निर्णय इजरायल की रणनीतिक कार्रवाइयों से बचने के लिए समझदारी भरा हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नए नेतृत्व के साथ हमास कैसे आगे बढ़ता है।