भारी समर्थन मिला
UN Palestine Voting: संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारी समर्थन मिला। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता का भारी बहुमत के साथ समर्थन किया है।
फिलिस्तीन योग्य है
भारत ने UNGA के प्रस्ताव के मसौदे के पक्ष में मतदान किया। ड्राफ्ट में कहा गया था कि फिलिस्तीन योग्य है और पूर्ण सदस्य देश के रूप में उसे शामिल करना चाहिए। इसमें सिफारिश की गई कि सुरक्षा परिषद इस मामले पर एक बार फिर विचार करे। सुरक्षा परिषद में आए ऐसे ही एक प्रस्ताव पर अमरीका ने वीटो किया था। अमरीका और इजराइल ने UNGA में आए प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।
विशेष इमरजेंसी सत्र की बैठक
इस 193 सदस्यों वाली महासभा में विशेष इमरजेंसी सत्र की बैठक बुलाई गई। यूएन में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के समर्थन में अरब समूह का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया गया। यूएई मई में अरब समूह का अध्यक्ष है, जिसने इस प्रस्ताव को पेश किया। प्रस्ताव के पक्ष में भारत के साथ-साथ 143 देशों ने मतदान किया। प्रस्ताव के खिलाफ 9 वोट डाले गए। वहीं 25 देश वोटिंग में शामिल नहीं हुए। वोटिंग के बाद संयुक्त राष्ट्र तालियों से गूंज उठा।
सुरक्षा परिषद फिर करे विचार
रिजोल्युशन ने निर्धारित किया कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 4 के मुताबिक फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिए योग्य है और इसलिए उसे यूएन का सदस्य बनाना चाहिए। इसने सिफारिश की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फिलिस्तीन की सदस्यता पर फिर विचार करे। भारत 1974 में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन को फिलिस्तीनी लोगों के एकमात्र और वैध प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने वाला पहला गैर-अरब देश था। भारत 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले पहले देशों में एक था।