Israel ने कहा हमला फिलिस्तीनियों ने ही किया
एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इजरायली सेना ने खाद्य ट्रकों पर इंतजार कर रहे हजारों लोगों को निशाना बनाने के लिए हेलीकॉप्टर, टैंक और ड्रोन का इस्तेमाल किया था लेकिन हर बार की तरह इस बार भी इजरायल ने इस तरह के हमले से पल्ला झाड़ लिया है। उसने इन लोगों की हत्या से इनकार कर दिया और कहा कि इस हमले के लिए हथियार लिए फिलिस्तीनी जिम्मेदार हैं।
सेना ने अपने बयान में कहा था कि गाजा में जब लोग खाने का सामान लेकर आते ट्रक का इंतजार कर रहे थे तब हथियारबंद फिलिस्तीनियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं जिसमें लोगों की मौत हो गई। साथ में इजरायली सेना ने ये भी कहा कि कुछ लोगों को उन्हीं खाने से भरे ट्रकों ने कुचल भी दिया था। सेना ने कहा है कि वो इस घटना की समीक्षा करेगी।
बता दें कि गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजरायल पर भूखे लोगों की हत्या के आरोप लगाए हैं। कि इजरायली सेना ने इन भूखे लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई है वहीं 150 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। गाज़ा (Gaza) के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे इजरायल का पूर्वनियोजित नरसंहार करार दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायल का ये हमला उन लोगों पर था जिन्हें भोजन और दूसरी चीजों की सख्त जरूरत थी। इज़राइल (Israel Attack on Palestine) ऐसे लोगों तक सहायता पहुंचाने में लगातार बाधा डाल रहा है और अब तो उसने ऐसे लोगों की बेरहमी से हत्या ही कर दी।
दो दिन पहले ही किया था 6 भूखे लोगों की हत्या की थी
बता दें कि इसके दो दिन पहले ही इजरायली सेना (Israel) ने कुवैत राउंडअबाउट पर उसी जगह हमला किया जहां भूखे लोगों को खाना दिया जा रहा था। इस हमले में कम से कम 6 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। अब ऐसे हमलों में मरने वालों की संख्या 400 से ज्यादा हो गई है।
भूखे लोगों पर लगातार इजरायल कर रहा हमले
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ये हमला इजरायल ने किया है। लगभग 15 दिन पहले भी इजरायल पर इसी तरह के हमले के आरोप लगे थे जिसमें इजरायल ने भोजन का इंतजार कर रहे फिलिस्तीनियों पर हमला किया था। इसमें 104 लोगों मौके पर मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे, इसके बाद बीते गुरुवार को इसी तरह का हमला किया गया जिसमें 6 लोगों की हत्या की गई और अब ये हमला किया गया जिसमें 21 लोग मारे गए हैं।
USA से UN तक कर रहा निंदा
इजरायल के इस तरह के हमलों की संयुक्त राष्ट्र (United Nations), मानवाधिकार आयोग समेत कई मानवीय अधिकारों वाली एजेंसियों और USA जैसे बड़े-बड़े देशों मे निंदा की और इस तरह के हमले रोकने के लिए कहा लेकिन ये सब पूरी तरह से विफल होता दिख रहा।