कौन से हैं मुस्लिम देश
इजरायल को अपना समर्थन देने वाले मुस्लिम सऊदी अरब, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE हैं। इन तीनों देशों ने ईरान पर इजरायल के हमले का समर्थन किया है। दरअसल इन तीनों देशों ने इजरायल के ईरान पर हमले पर बयान जारी किए थे। जानकारों ने इन बयानों का विश्लेषण करते हुए इन तीनों देशों का इजरायल को मौन समर्थन बताया है। संयुक्त अरब अमीरात ने खुद पर बहुत ज्यादा नियंत्रण रखने को कहा। UAE ने इजरायल की आलोचना नहीं की बल्कि इजरायल और ईरान से बातचीत और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन करने को कहा। UAE का ये बयान बताता है कि उसने ना तो इजरायल के इस कदम की आलोचना की ना ही ईरान का बचाव किया।सऊदी अरब ने क्या कहा?
वहीं सऊदी अरब ने इजरायल के ईरान पर अटैक पर क्षेत्र के देशों और लोगों की सुरक्षा और स्थिरता पर जोर दिया। सऊदी अरब ने कहा था कि ईरान की संप्रभुता को स्वीकार करना चहिए और इज़रायल की क्षेत्रीय सुरक्षा कार्रवाइयों के लिए संतुलन साधना चाहिए। सऊदी अरब का ये बयान इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि कुछ साल पहले तक सऊदी अरब इजरायल के खिलाफ तीखे बोल बोलता था वो अब इजरायल के प्रति इतने नरम स्वर बोल रहा है।मिस्र ने क्या कहा?
ईरान पर इजरायल के हमले पर मिस्र ने भी इजरायल को अपना मौन समर्थन दे दिया है। मिस्र ने किसी भी देश का बचाव और आलोचना किए बगैर कहा कि दोनों ही मोर्चों पर तुरंत युद्धविराम होना चाहिए। इस युद्ध से गंभीर टकराव हो सकते हैं। जिससे मिडिल ईस्ट में असुरक्षा का खतरा पैदा हो जाएगा। मिस्र के बयान से साफ है कि उसने इजरायल की आलोचना किए बगैर क्षेत्रीय शांति पर जोर दिया है।ईरान ने एकजुट होने का किया था आह्वान
जब इजरायल पर ईरान ने 200 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था, तब इजरायल ने बदला लेने की कसम खाई थी। इसके बाद 30 सितंबर को ईरान ने OIC देशों यानी इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में इजरायल के खिलाफ सभी 57 मुस्लिम देशों से एकजुट होने को कहा था। सिर्फ इतना ही इसके बाद 4 अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने सेंट्रल तेहरान में इमाम खुमैनी के ग्रैंड मोसल्ला में मुस्लिम देशों को साधते हुए कहा था कि मुसलमान अब लापरवाह नहीं रहेंगे और उन्हें अपनी सुरक्षा की कमर कसनी होगी। मुसलमानों के लिए कुरान की नीति यह है कि इस्लामी सरकारों को एक-दूसरे के साथ एकजुटता में रहना चाहिए। अगर आपमें यह एकजुटता है, तो ईश्वर का सम्मान आपका है, और आप अपने दुश्मनों पर विजयी होंगे। लेकिन अब 3 मुस्लिम देशों का इजरायल के प्रति मौन समर्थन देखकर ईरान क्या कदम उठाता है इस पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी। क्योंकि ये अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है कि जो मुस्लिम देश इजरायल का हमेशा से अपना दुश्मन मानते आए हैं, वो अब इजरायल को अपना समर्थन दे रहे हैं।