‘तत्काल कार्रवाई करें ये मुस्लिम देश’- सऊदी क्राउन प्रिंस
क्राउन प्रिंस ने दुनिया भर के देशों से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का आह्वान किया। इसके पूर्व सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक बयान में कहा कि गाजा और लेबनान में इजरायल की ‘आक्रामकता’ ने ‘अरब और इस्लामी नेताओं को तत्काल कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया है।’ वहीं, अरब राष्ट्र संघ के महासचिव अहमद अबुल घीत ने भी क्राउन प्रिंस के साथ मिलकर गाजा और लेबनान में इजरायल के सैन्य अभियान की निंदा की और कहा कि ‘शब्दों में फिलिस्तीनी लोगों की दुर्दशा को व्यक्त नहीं किया जा सकता।’ अबुल गेइत ने जोर देकर कहा, दुनिया इजरायली हिंसा पर आंखें नहीं मूंद सकती।
ईरान पहुंचे सऊदी अरब के सेनाध्यक्ष
शिखर सम्मेलन से ठीक पहले, सऊदी अरब के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने ईरानी अफसरों के साथ बैठक की है। सऊदी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ फय्याद अल-रुवैली ने तेहरान में ईरानी सेना के शीर्ष अफसर जनरल मोहम्मद बघेरी से ईरानी सशस्त्र बल जनरल स्टाफ मुख्यालय में मुलाकात की। रिपोर्ट में इस बैठक का विषय रक्षा कूटनीति का विकास और द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार बताया गया है। गौरतलब है कि दोनों देशों में लंबे समय से रिश्ता तनावपूर्ण रहा है। पिछले साल दोनों देशों के बीच संबंध बहाल हुए थे। पश्चिम एशिया में तनाव के बीच संबंध बहाली के बाद से इसे एक दुर्लभ उच्च स्तरीय बैठक की तरह देखा जा रहा है। बैठक में जनरल बाघेरी ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग पर जोर दिया है।पिछली बैठकों में भी इजरायल पर कार्रवाई पर नहीं बनी थी सहमति
यह शिखर सम्मेलन रियाद में काहिरा स्थित अरब लीग और जेद्दा स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन की इसी तरह की बैठक के करीब एक साल बाद हो रहा है, जिसके दौरान नेताओं ने गाजा में इजरायल की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे ‘बर्बर’ बताया था। हालांकि, वे इजरायल के खिलाफ कार्रवाई, इजरायल के साथ आर्थिक और कूटनीतिक संबंध तोड़ने और इसकी तेल आपूर्ति बाधित करने जैसे उपायों पर सहमत नहीं हो पाए थे, बावजूद इसके कि इसके सम्मेलन में यहूदी देश से आर्थिक और कूटनीतिक संबंध तोड़ने का आह्वान किया गया था। गौरतलब है कि 57 सदस्यीय ओआइसी और 22 सदस्यीय अरब लीग में वे देश शामिल हैं जो इजरायल को मान्यता देते हैं और वे देश भी जो इसके क्षेत्रीय एकीकरण का दृढ़ता से विरोध करते हैं।