इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
बताया जा रहा है कि आईएसआई चीफ फैज हमीद नई तालिबान सरकार के तहत पाकिस्तान और अफगानिस्तान संबंधों के भविष्य पर चर्चा करने काबुल पहुंचे हैं। इसके साथ ही अफगानिस्तान की सुरक्षा, आर्थिक और व्यापारिक संबंध जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर अफगानिस्तान पर कब्जा करने में तालिबान की मदद करने का आरोप भी लगाया गया है। हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है। पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान के कब्जे के बाद से उसके यहां अफगान शरणार्थियों का संकट खड़ा हुआ है।
पाकिस्तान ने किया तालिबान का समर्थन और पोषण: हर्षवर्धन श्रृंगला
वहीं भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगृला ने वाशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने तालिबान का समर्थन और पोषण किया है। पाकिस्तान की वजह से तालिबान, अफगानिस्तान में वापस आने में सफल हुआ। श्रृंगला ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान पड़ोसी है और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे कई तत्व हैं जो पाकिस्तान द्वारा समर्थित हैं, इसलिए इसकी भूमिका को उस संदर्भ में देखा जाना चाहिए।’
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पाकिस्तान कर रहा तालिबान का समर्थन: सालेह
वहीं खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले और पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बलों में शामिल हो चुके अमारुल्लाह सालेह ने कहा कि वे देश से भागे नहीं हैं। साथ ही सालेह ने प्रांत को घेरने वाले तालिबान तथा अल कायदा जैसे आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। वहीं अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद पहली बार खाद्य आपूर्ति से लदा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का एक विमान काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा है। यह 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान के हवाई अड्डे पर उतरने वाला पहला विदेशी विमान है।