प्रतिबंध के कारण नहीं मिल रहे पार्ट
Bell 212 हेलीकॉप्टर को अमरीका ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम नेता प्रयोग कर रहे हैं लेकिन ईरान के साथ संकट यह है कि अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों के कारण इसके पार्ट ईरान को मिलना बंद हो गए। इसके कारण इसे यूटिलिटी हेलिकॉप्टर के मरम्मत सही तरीके से नहीं हो पा रही थी। ये बात जानना बहुत जरूरी है 1979 इस्लामिक क्रांति से पहले के विमान और हेलीकॉप्टर ईरान उड़ा रहा है।
Bell 212 हेलीकॉप्टर को अमरीका ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम नेता प्रयोग कर रहे हैं लेकिन ईरान के साथ संकट यह है कि अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों के कारण इसके पार्ट ईरान को मिलना बंद हो गए। इसके कारण इसे यूटिलिटी हेलिकॉप्टर के मरम्मत सही तरीके से नहीं हो पा रही थी। ये बात जानना बहुत जरूरी है 1979 इस्लामिक क्रांति से पहले के विमान और हेलीकॉप्टर ईरान उड़ा रहा है।
उड़ान से पहले आई थी खामी
इब्राहिम रईसी जिस Bell 212 हेलीकॉप्टर में सवार थे उसमें उड़ान से पहले खराबी आ गई। इस खराबी को तुरंत ही ठीक कर लिया गया। इसके बाद रईसी ने अपनी जिंदगी की अंतिम उड़ान भरी। सबसे प्रमुख बात यहां यह है कि अगर ईरान पर प्रतिबंध न होता तो रईसी को 50 साल पुराने हेलीकॉप्टर में न उड़ते और न ही मौत होती।
इब्राहिम रईसी जिस Bell 212 हेलीकॉप्टर में सवार थे उसमें उड़ान से पहले खराबी आ गई। इस खराबी को तुरंत ही ठीक कर लिया गया। इसके बाद रईसी ने अपनी जिंदगी की अंतिम उड़ान भरी। सबसे प्रमुख बात यहां यह है कि अगर ईरान पर प्रतिबंध न होता तो रईसी को 50 साल पुराने हेलीकॉप्टर में न उड़ते और न ही मौत होती।
रईसी ने 1988 में कराई थी हत्याएं
रईसी अमरीका का धुर विरोधी था। ईरान ने उनके ही नेतृत्व में यूरेनियम जुटाया था। इतना ही नहीं यूक्रेन से जंग में ईरान ने बड़े पैमाने पर रूस को हथियार भी पहुंचाए। खासतौर पर ईरानी मारखेज ड्रोन्स ने जंग की तस्वीर बदल दी। रूस ने चुन-चुनकर यूक्रेन के ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। अमरीका यह मानता है कि 1988 में बड़े पैमाने पर राजनीतिक कैदियों की हत्याओं में रईसी का भी हाथ था।
रईसी अमरीका का धुर विरोधी था। ईरान ने उनके ही नेतृत्व में यूरेनियम जुटाया था। इतना ही नहीं यूक्रेन से जंग में ईरान ने बड़े पैमाने पर रूस को हथियार भी पहुंचाए। खासतौर पर ईरानी मारखेज ड्रोन्स ने जंग की तस्वीर बदल दी। रूस ने चुन-चुनकर यूक्रेन के ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। अमरीका यह मानता है कि 1988 में बड़े पैमाने पर राजनीतिक कैदियों की हत्याओं में रईसी का भी हाथ था।