ईरान (Iran) ने 1 अक्टूबर को इज़रायल (Israel) के सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी थीं, जिसके जवाब में इज़रायल ने 26 अक्टूबर को ईरान की राजधानी तेहरान (Tehran) और आसपास सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागते हुए ईरान के हमले का बदला ले लिया। इज़रायली सेना ने पूरी तैयारी के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इज़रायल के हमलों में ईरान के 2 सैनिक भी मारे गए थे। इज़रायली हमलों पर ईरान की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई थी और ईरानी विदेश मंत्रालय की तरफ से यह साफ कर दिया गया था कि ईरान के पास हक है और उसका कर्तव्य भी है कि वो विदेशी हमलों से अपनी रक्षा करे। हालांकि ऐसा लगा रहा था कि इज़रायल के हमले का ईरान जवाब नहीं देगा क्योंकि इससे युद्ध छिड़ने की संभावना है, लेकिन अब लग रहा है कि ईरान इस मामले में चुप बैठने वाला नहीं है।
इज़रायल के हमले का करारा जवाब देने की तैयारीइज़रायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इज़रायली हमले के बारे में बात करते हुए अपने देश का रुख साफ कर दिया। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “ईरान अपने सभी उपलब्ध उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए करके हाल ही में इज़रायल के किए हमले का निर्णायक और करारा जवाब देगा। इज़रायल के हमले और आक्रामकता का जवाब देना ईरान का अधिकार है और ईरान इस अधिकार को नहीं छोड़ेगा। इज़रायल के खिलाफ हमारा जवाब उनके हमले के प्रकार पर निर्भर करेगा।”
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