किस मामले में सुनाया फैसला
सिन्हुआ के अनुसार न्यायाधीश माजिद हुसैनजादेह ने शनिवार को तेहरान न्यायालय की 55वीं शाखा में मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के 700 सदस्यों द्वारा अमेरिकी सरकार के खिलाफ ‘आतंकवादी और तकफीरी (चरमपंथी) समूहों को स्पष्ट समर्थन’ के लिए दायर शिकायतों की दो सत्रों में सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया कि अमेरिका समर्थित आतंकियों के हमलों से काफी भौतिक और मानसिक नुकसान हुआ है। लोगों ने अपनों को खो दिया है। कोर्ट ने आतंकवादी समूहों की पहचान ‘इस्लामिक स्टेट और अल-नुसरा फ्रंट’ के रूप में की और कहा, ‘वे अमेरिकी सहयोग और समर्थन के अभाव में ऐसे अपराध नहीं कर सकते।’
58 हजार करोड़ का देना होगा मुआवजा
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के तहत, अमेरिका को प्रत्येक वादी को 10 मिलियन डॉलर, यानी कुल 6.98 बिलियन डॉलर (58965,45,19,802 रुपए) उन्हें हुए भौतिक नुकसान के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक को 20 मिलियन डॉलर यानी कुल 13.96 बिलियन डॉलर, उन्हें हुई मानसिक क्षति के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने यह भी फैसला दिया कि अमेरिका को दंडात्मक हर्जाने के रूप में 27.92 बिलियन डॉलर का भुगतान करना चाहिए। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस निर्णय के खिलाफ दो महीने के अंदर अपील की जा सकती है। बता दें कि ईरान पिछले कुछ वर्षों से इराक और सीरिया में अपने सैन्य कर्मियों को ‘आतंकवादी समूहों’ के विरुद्ध लड़ने में मदद करने के लिए भेज रहा है।