पाकिस्तान का ये मशहूर मंदिर है श्री हिंगलाज माता मंदिर… जिस हिंगलाज देवी मंदिर (Hinglaj Temple) भी कहा जाता है। ये मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लासबेला जिले में स्थित है। ये हिंदू धर्म के 52 शक्तिपीठों में से एक है। वहीं पाकिस्तान में ये 3 शक्ति पीठों में से एक है, बाकी दो शिवहरकारे और शारदा पीठ हैं। पिछले तीन दशकों में इस स्थान ने बढ़ती लोकप्रियता हासिल की है और पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के लिए एक आस्था का केंद्र बन गया है।
क्या कहानी है हिंगलाज माता मंदिर की ?
इस मंदिर की उत्पति हिन्दू पौराणिक कथाओं में लिखी हुई है। जिनके मुताबिक भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता दक्ष के भगवान शिव के अपमान करने के बाद आत्मदाह कर लिया था। सती के जाने के बाद उनके वियोग में भगवान शिव उनके जले हुए शरीर के साथ ब्रह्मांड में घूमते रहे थे। भगवान शिव की इस पीड़ा को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को 108 भागों में विभाजित कर दिया और माना जाता है कि उनका सिर उस स्थान पर गिरा था जहां अब हिंगलाज माता मंदिर है। हिंगलाज मंदिर में सती के इस रूप को देवी हिंगलाज माता की तरह पूजा जाता हैं।मुस्लिम मानते हैं हज यात्रा या ‘नानी की हज यात्रा’
हिंगलाज यात्रा जो पाकिस्तान में सबसे बड़ी हिंदू तीर्थ यात्रा हैं। हर साल हिंगलाज यात्रा के दौरान 250,000 से ज्यादा लोग इस यात्रा में भाग लेते है। उस क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम समुदाय इस तीर्थयात्रा को ‘नानी का हज’ (दादी की तीर्थयात्रा) के रूप में संदर्भित करता है, जो इस स्थल के प्रति उनका सम्मान और श्रद्धा को दिखाता है। हिंगलाज यात्रा की शुरुआत, वो भक्त जो मंदिर तक पहुंचने के लिए रेगिस्तान से एक चुनौतीपूर्ण यात्रा करते है। जब वो वहां पहुंच जाते है तो कई बड़े अनुष्ठानों में भाग लेते हैं जैसे मंदिर के पास चंद्रगुप मिट्टी के ज्वालामुखी पर नारियल चढ़ाना, परिक्रमा करना और मंदिर में हो रहे कई समारोहों में भाग लेना।