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Afghanistan History : हिंदू देश था अफगानिस्तान ! जानिए कैसे आया इस्लामिक शासन

Ancient Afghanistan: अफगानिस्तान का इतिहास हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म से गहरे जुड़ा हुआ था, खासकर प्राचीन गंधार क्षेत्र में। इस्लामी आक्रमणों के बाद, 7वीं शताब्दी के बाद यहां इस्लाम का प्रसार हुआ और हिंदू धर्म का प्रभाव कम हो गया।

नई दिल्लीNov 25, 2024 / 01:38 pm

M I Zahir

Hindu kingdom Afghanistan

Ancient Afghanistan: अफगानिस्तान भी कभी हिंदू देश (Hindu Country) था। अफगानिस्तान का हिंदू धर्म से ऐतिहासिक संबंध बहुत गहरा और जटिल ( Hinduism in Afghanistan) है। आधुनिक समय में अफगानिस्तान एक इस्लामी देश है, लेकिन इसके प्राचीन इतिहास में हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म का व्यापक प्रभाव रहा है। आइए विस्तार से समझते हैं:
  1. अफगानिस्तान का प्राचीन इतिहास (Ancient Afghanistan) और हिंदू धर्म ऋग्वैदिक युग (1500-1200 ईसा पूर्व):अफगानिस्तान का क्षेत्र, विशेष रूप से हिंदूकुश पर्वत और काबुल नदी का इलाका, वैदिक सभ्यता का हिस्सा था। वैदिक साहित्य में अफगानिस्तान को “गंधार” (Gandhara) और “उपगंधार” के रूप में संदर्भित किया गया है।

गंधार / कंधार

आधुनिक अफगानिस्तान के कंधार और उससे जुड़े इलाकों को प्राचीन गंधार क्षेत्र माना जाता है। यह क्षेत्र वैदिक देवताओं की पूजा और संस्कृत भाषा के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध था।

महाभारत और रामायण :

गंधार का उल्लेख महाभारत और रामायण में भी मिलता है। गंधारी, जो कौरवों की माता थीं, गंधार देश की राजकुमारी थीं। यह दिखाता है कि अफगानिस्तान का भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म से गहरा संबंध था।
  1. मौर्य साम्राज्य का विस्तार (4थी-2री शताब्दी ईसा पूर्व):मौर्य साम्राज्य (विशेषकर सम्राट अशोक) के समय अफगानिस्तान का बड़ा हिस्सा भारत का हिस्सा था। अशोक ने इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म का प्रचार किया, लेकिन उससे पहले हिंदू धर्म का वर्चस्व था।बैक्ट्रिया और गांधार के मंदिर: इस क्षेत्र में वैदिक धर्म के मंदिर और संस्कृत शिक्षा केंद्र मौजूद थे।
  2. बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म का सह-अस्तित्वकुषाण साम्राज्य (1ली-3री शताब्दी):हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म दोनों का अफगानिस्तान में सह-अस्तित्व था। बामियान के बुद्ध: बौद्ध धर्म के बड़े अवशेष, जैसे कि बामियान बुद्ध की मूर्तियाँ, इसी काल के प्रमाण हैं, लेकिन इस दौरान भी वैदिक हिंदू परंपराएं, जैसे कि शिव और विष्णु की पूजा, जारी थीं।हिंदू मंदिर: इस क्षेत्र में हिंदू मंदिर भी मिलते हैं, जिनमें शिव और विष्णु की पूजा होती थी।
  3. इस्लामी आक्रमण और परिवर्तन (7वीं शताब्दी के बाद)7वीं शताब्दी में इस्लामी आक्रमण के बाद अफगानिस्तान में इस्लाम का प्रसार तेजी से हुआ। गजनवी साम्राज्य (11वीं शताब्दी): महमूद गजनवी ने हिंदू मंदिरों को नष्ट किया और हिंदू धर्म के अनुयाइयों पर हमले किए। धीरे-धीरे इस्लाम प्रमुख धर्म बन गया, और हिंदू धर्म का प्रभाव कम हो गया।
  4. आधुनिक स्थिति आज अफगानिस्तान में हिंदू समुदाय बहुत छोटा है, लेकिन उनका ऐतिहासिक महत्व अब भी संरक्षित है। काबुल, जलालाबाद, और अन्य क्षेत्रों में हिंदू और सिख समुदाय रहते हैं, लेकिन उनकी संख्या घटती जा रही है।
  5. क्या अफगानिस्तान कभी पूरी तरह से हिंदू देश था? हां और नहीं।हां: प्राचीन काल में हिंदू धर्म का इस क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव था, और यह वैदिक सभ्यता का हिस्सा था।नहीं: इसे एक “हिंदू देश” कहना उचित नहीं होगा क्योंकि अफगानिस्तान का अधिकांश हिस्सा एक बहु-धार्मिक क्षेत्र था, जिसमें बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, और अन्य स्थानीय परंपराएँ मौजूद थीं।
  6. अफगानिस्तान के हिंदू धर्म से जुड़े अवशेषगंधार कला:हिंदू और बौद्ध मूर्तिकला, जिसमें शिव, विष्णु, और बुद्ध की मूर्तियाँ प्रमुख हैं। संस्कृत ग्रंथ:अफगानिस्तान से मिले पुराने संस्कृत ग्रंथ यह दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र वैदिक शिक्षा का केंद्र था। मंदिर के अवशेष: अफगानिस्तान में हिंदू मंदिरों के खंडहर आज भी देखे जा सकते हैं।
  7. निष्कर्ष
    अफगानिस्तान प्राचीन काल में हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। हालांकि, इसे पूरी तरह “हिंदू देश” कहना शायद सही नहीं होगा, क्योंकि यह हमेशा एक बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक क्षेत्र रहा है। इस्लामी आक्रमणों और समय के साथ परिवर्तन के कारण हिंदू धर्म का प्रभाव कम हो गया, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व आज भी अप्रासंगिक नहीं है।
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