दोनों देशों में सीमा पर पेट्रोलिंग ‘मुख्य मसला’
जयशंकर ने कहा, जयशंकर ने कहा, ‘चीन के साथ हमारा कठिन इतिहास रहा है। चीन के साथ बॉर्डर से संबंधित कई समझौते हैं। 2020 में चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर समझौते का उल्लंघन किया और हमने जवाब दिया। स्पष्ट समझौतों के बावजूद कोविड के दौरान चीन ने इनका उल्लंघन करते हुए एलएसी पर बड़ी संख्या में सेनाएं भेजीं। यह संभावना थी कि कोई दुर्घटना होगी, और ऐसा हुआ भी। झड़प हुई, और दोनों तरफ़ से कई सैनिक मारे गए। इसने एक तरह से दोनों देशों के बीच रिश्ते को प्रभावित किया। जब मैंने कहा कि इसका 75 प्रतिशत हल हो गया है, यह केवल डिसइंगेजमेंट के बारे में है। लेकिन गश्त के कुछ मुद्दों को हल करने की अभी आवश्यकता है। अगला कदम डी-एस्केलेशन होगा। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच सीमा पर पेट्रोलिंग ‘मुख्य मसला’ है।
यूक्रेन-रूस को संदेश पहुंचा रहेः जयशंकर
जयशंकर ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कहा, ‘युद्ध विवादों को सुलझाने का तरीका नहीं है।’ उन्होंने कहा कि भारत ‘संघर्ष को जल्द समाप्त करने’ और ‘गंभीर बातचीत’ के लिए रूसी और यूक्रेनी सरकारों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम कोई सुझाव नहीं दे रहे हैं।’ हम संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
चीन का 44 साल में पहला मिसाइल परीक्षण
अमरीका के साथ तनाव के बीच, चीन ने बुधवार को डमी वारहेड के साथ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) डीएफ-41 का प्रशांत महासागर में परीक्षण किया। यह मिसाइल अमरीका की मुख्य भूमि तक हमला करने में सक्षम है। 44 वर्षों में पहली बार है कि जब चीन ने खुले समुद्र में आइसीबीएम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। मिसाइल ताइवान, फिलीपीन्स और अमरीकी नेवल बेस गुआम के पास से गुजरी और प्रशांत महासागर में जाकर गिरी। चीन का दावा है कि परीक्षण के संबंध में संबंधित देशों को पहले ही सूचित कर दिया गया था। इस परीक्षण पर जापान और न्यूजीलैंड ने दी तीखी प्रतिक्रिया दी है।