अमरीका में कभी भारतीयों को नहीं थी बस में बैठने की अनुमति, अब ‘कमला’ बनीं राष्ट्रपति उम्मीदवार
Kamala Harris and NRI:अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से एक भारतवंशी कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने से प्रवासी भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पेश है सीधे अमरीका से कमला हैरिस की करीबी भारतवंशी पूर्णिमा वोरिया से बातचीत:
Kamala Harris and NRI : यूएस प्रेसीडेंशियल इलेक्शन में भारतवंशी कमला हैरिस ( Kamala Harris) के उम्मीदवार बनने पर अमरीका के डेनवर से पेश है अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की पूर्व सलाहकार और नेशनल यूएस इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स की संस्थापक और सीईओ पूर्णिमा वोरिया ( Purnima Voria) से बातचीत :
लोकतंत्र एक राज्य या अवस्था नहीं
पूर्णिमा वोरिया ने कहा, मेरे कानों में पहले अमरीका की उप राष्ट्रपति और अब डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्टपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के शब्द गूंज रहे हैं-‘लोकतंत्र एक राज्य या अवस्था नहीं है, यह एक काम है और हर पीढ़ी को इसका हिस्सा होना चाहिए।’ कमला के उप राष्ट्रपति और अब राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की वजह से यह चुनाव इस कोटेशन का प्रतिबिंब नजर आ रहा है।
अमरीका की उप राष्ट्रपति व अब राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भारतवंशी कमला हैरिस और अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पूर्व सलाहकार पूर्णिमा वोरिया।
कभी बस में बैठने की अनुमति नहीं थी
उन्होंने कहा, तकरीबन 100 साल पहले यहां अश्वेतों को गोरों के साथ बस में बैठने की अनुमति नहीं थी और यहां तक कि महिलाएं भी मतदान नहीं कर सकती थीं। आज देखिए कि एक श्वेत राष्ट्रपति जो- बाइडन के साथ एक पहली अश्वेत महिला कमला हैरिस उप राष्ट्रपति हैं और अब तो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भी बन गई हैं।
अमरीका को तरक्की की ओर ले जाना होगा
वोरिया ने कहा,मैं कमला हैरिस से डेनवर में तब मिली थी, जब वह प्रेसीडेंसी के समर्थन के लिए आई थीं। मैंने उनका भाषण सुना था तो उनकी सुरुचिपूर्ण उपस्थिति व सारगर्भित विचारों से अभिभूत हुई थी। उम्मीद है कि वे राष्ट्र की आत्मा कायम रखेंगी, उनका पहला एजेंडा, अनेकता में एकता और अमरीका को तरक्की की ओर ले जाना होगा।
कमला इस अंतर को पाट देंगी
उन्होंने कहा,कमला हैरिस अमरीका के अल्पसंख्यक समुदाय यानि भारतवंशियों में आशा की किरण लाई हैं। दरअसल मुख्यधारा के अमरीका, अल्पसंख्यक समुदाय और व्यवसायों के बीच बहुत असमानता है। पूंजी व नेटवर्किंग तक पहुंच 7.8 मिलियन अल्पसंख्यक व्यवसायों के लिए एक चुनौती है, जो यूएसए की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था है। आशा है कि कमला इस अंतर को पाट देंगी।
भारतवंशियों में भी उम्मीद जागी
वोरिया ने कहा, बहरहाल भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू सरकार के तत्कालीन संयुक्त सचिव पीवी गोपालन ने जब अपनी बेटी श्यामला को कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी भेजा था, तब गोपालन को पता नहीं होगा कि उनका यह फैसला आगे जा कर एक इतिहास रचेगा। श्यामला ने अमरीकन से शादी की और कमला हैरिस पैदा हुईं। आज कमला के निमित्त भारत और अमरीका के रिश्ते की डोर मजबूत होने का रास्ता खुला है तो भारतवंशियों में भी उम्मीद जागी है। इस तरह इंडो-अमरीकन कम्युनिटी की उम्मीदों को पंख लग गए हैं।
अमरीका में लिटिल इंडिया
जानकारी के अनुसार अमरीका में तकरीबन 4,980,329 भारतवंशी हैं। इंडिया स्क्वायर, बॉम्बे, जर्सी सिटी, न्यू जर्सी के मध्य में, पश्चिमी गोलार्ध में एशियाई भारतीयों की उच्चतम सांद्रता में से एक है, यहां कम से कम 24 भारतीय-अमेरिकी परिक्षेत्रों में से एक है जिसे लिटिल इंडिया के रूप में जाना जाता है। न्यूयॉर्क सिटी मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में उभरा, जहां एशिया के बाहर सबसे बड़ी महानगरीय भारतीय आबादी है, क्योंकि भारत से न्यूयॉर्क में बड़े पैमाने पर आप्रवासन जारी है।