सुपर पॉवर अमेरिका ने भारत से यह उम्मीद की है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो भारत अमेरिका का समर्थन करेगा। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बुधवार को कहा कि मेलबर्न में हाल ही में संपन्न क्वॉड मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान रूस और यूक्रेन पर चर्चा हुई जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री शामिल थे। उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल देशों के बीच मजबूत सहमति बनी कि यूक्रेन संकट के एक राजनयिक और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता है।
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नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘क्वॉड के मुख्य सिद्धांतों में नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को सुदृढ़ करना शामिल है।ये नियम-आधारित व्यवस्था यूरोप की तरह ही इंडो-पैसिफिक और विश्व में कही भी समान रूप से लागू होता है। हम जानते हैं कि हमारे भारतीय सहयोगी उस नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें एक सिद्धांत ये भी है कि सीमाओं को बल प्रयोग द्वारा फिर से नहीं खींचा जा सकता है।’
उन्होंने भारत सहित अपने पड़ोसियों के खिलाफ चीन के आक्रामक व्यवहार के एक संदर्भ में कहा, ‘बड़े देश छोटे देशों को धमका नहीं सकते।किसी भी देश के पास अपनी विदेश नीति, भागीदार, गठबंधन, अपने समूह को चुनने का अधिकार है। ये सिद्धांत इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में समान रूप से लागू होते हैं जैसा कि यूरोप में लागू है।’
भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं। चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है।ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बना रखे हैं।
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