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इस मुस्लिम देश में जाने वाले भारतीयों के लिए भारत ने जारी की एडवाइजरी, गृहयुद्ध से खतरनाक हो गए हालात

Civil War in Syria: सीरिया में चल रहा गृहयुद्ध अब खतरनाक रूप ले चुका है। विद्रोही गुटों ने बहां के सबसे बड़े और प्राचीन शहर अलेप्पो समेत कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है।

नई दिल्लीDec 07, 2024 / 11:02 am

Jyoti Sharma

Civil War in Syria: मुस्लिम देश सीरिया में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। सीरियाई विद्रोहियों के हिंसक हमले ने इस गृहयुद्द को एक खतरनाक मोड़ पर ला दिया है। बीते गुरुवार को अलेप्पो (Aleppo) के बाद उत्तर में हामा शहर पर कब्ज़ा करने के बाद विद्रोहियों ने होम्स के चौराहे पर धावा बोल दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब अगर इस हिस्से पर कब्जा हो गया तो राष्ट्रपति बशर अल-असद के कंट्रोल वाले इलाके दो हिस्सों में बंट जाएगा। 

भारत ने जारी की एडवाइजरी

इसे लेकर भारत ने सीरिया में रह रहे अपने नागरिकों और वहां जाने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने जारी किया और कहा कि सीरिया में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सलाह दी जाती है कि भारतीय नागरिक अगले आदेश तक सीरिया की यात्रा ना करें। वहीं जो भारतीय सीरिया में मौजूद हैं वे अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in पर संपर्क में रहें। 
वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो लोग जा सकते हैं, उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध कॉमर्शशियल फ्लाइट से जाने की सलाह दी जाती है। और जो लोग नहीं जा सकते हैं उनसे अनुरोध है कि वे अपनी गतिवधियों को सीमित रखें।

सीरिया में 90 भारतीय नागरिक

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 14 कई संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं। भारत ने कहा कि वो सीरिया की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। भारत का मिशन अपने नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा है इसके लिए लगातार वे संपर्क में बने हुए हैं। 
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों लोग शुक्रवार की रात को सेंट्रल सीरिया के शहर होम्स से भाग गए, क्योंकि विद्रोही गुट राजधानी दमिश्क की ओर आगे दक्षिण की ओर बढ़ रहे हैं।

2011 से चल रहा है गृहयुद्ध

बता दें कि ये शासन और विद्रोही गुट के बीच ये संघर्ष 2011 में शुरू हुआ, जब असद ने अरब स्प्रिंग के दौरान विरोध प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 10 साल से भी ज्यादा वक्त से चल रहे इस युद्ध में 3,00,000 से ज़्यादा नागरिक मारे गए हैं और पूरे क्षेत्र में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
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