इन पैमानों पर जारी हुई रिपोर्ट
1. कौशल फिट- ये इस इंडेक्स का सबसे मुख्य पैमाना था। इससे पता चलता है कि एजुकेशन सिस्टम और नौकरी पैदा करने वालों की जरूरतें एक दूसरे के साथ कितने कंपैटिबल हैं 2. शैक्षणिक तत्परता – भविष्य के उद्योगों के लिए जो जरूरी कौशल है उसे देने के लिए कोई देश कितना तैयार है
3. काम का भविष्य – आने वाले समय में सबसे ज्यादा मांग वाले कौशल की भर्ती के लिए किसी देश के नौकरी बाजार की तत्परता कितनी है।
इन सब पैमानों के आधार पर भारत ने भविष्य के लिए तैयार होने वाले नौकरी बाज़ारों में ऊंची छलांग लगाई है। भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर 99.1 मिला है। ये इंडेक्स में अमेरिका सिर्फ एक अंक ही पीछे है। अमेरिका को 100 अंक मिले हैं।
भारत के लिए एक अभूतपूर्व सफलता
भारत ने वैश्विक मंदी के इस दौर के बावजूद इंवेस्टमेंट को आकर्षित किया और इसके अलावा, QS विश्लेषण ने भारत को अपने कामों में AI का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना उसकी भविष्य की स्ट्रैटजी को दिखाता है। यही उपलब्धि भारत को दूसरे देशों से अलग बनाती है। जो उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने में धीमी चाल से चल रहे हैं।
इस QS रिपोर्ट के मुताबिक मैक्सिको के साथ भारत को “डिजिटल भूमिकाओं में भर्ती के लिए सबसे ज्यादा तैयार” देश के तौर पर अपनी रिपोर्ट में जगह दी है। हालांकि, ये रिपोर्ट भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली, उद्योग सहयोग और रोजगार बाजारों में सुधार के लिए अहम क्षेत्रों पर भी बात करती है।
भारत की एजुकेशन पॉलिसी से उठाया जाए फायदा
मैटेओ क्वाक्वेरेली ने कहा, “2025 और 2030 के बीच, भारत की अर्थव्यवस्था में सालाना औसतन 6.5% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो देश को दुनिया भर की कई प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं से आगे रखेगी। लेकिन जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था विकसित और नवाचार करना जारी रखती है, छात्रों, स्नातकों और श्रमिकों को कौशल में बदलाव की रफ्तार के साथ बनाए रखने के लिए समर्थन की जरूरत होती है। 2020 की भारत की एजुकेशन पॉलिसी के जरिए भारत की उच्च शिक्षा को भविष्य में जरूरी कौशल और क्षमताओं को विकसित करने के लिए पूरी तरह से लाभ उठाया जाए।” बता दें कि क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स वैश्विक उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए सेवाओं, विश्लेषण का दुनिया का अग्रणी प्रदाता है, जिसका मिशन दुनिया में कहीं भी प्रेरित लोगों को शैक्षिक उपलब्धि, अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता और कैरियर विकास के माध्यम से अपनी क्षमता को पूरा करने के लिए सशक्त बनाना है।