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Budget 2025: प्रवासन, विदेशी निवेश और स्वास्थ्य के लिए कैसा रहा यह बजट, अ मेरिका के NRI से जानें

Budget 2025: भारत के आम बजट 2025 पर अमेरिका में रह रहे ओवरसीज इंडियन डॉक्टर प्रणव शर्मा ने सीधे अमेरिका से विचार व्यक्त किए। उनके शब्दों में :

भारतFeb 01, 2025 / 06:38 pm

M I Zahir

Budget 2025 NRI.

Budget 2025 NRI.

Budget 2025: भारत के आम बजट 2025 पर patrika.com ने अमेरिका में रह रहे जयपुर मूल के प्रमुख समाजसेवी व प्रवासी भारतीयों ( NRI News ) के जयपुर में प्रस्तावित ड्रीम प्रोजेक्ट वर्ल्ड क्लास हॉस्पिटल के प्लानर डॉ. प्रणव शर्मा से सीधे अमेरिका से उनके विचार जाने। उन्होंने कहा कि बजट 2025 में कर सुधार, आर्थिक विकास, विदेशी निवेश, और MSME सेक्टर को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हालांकि, एक भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर और एनआरआई होने के नाते, मैं यह देखता हूं तो पाता हूं कि यह बजट प्रवासी भारतीयों (NRIs) और विशेष रूप से भारतीय-अमेरिकियों के लिए कितना फायदेमंद है। एक प्रवासी भारतीय (NRI) की दृष्टि से देखते हैं कि क्यों भारतीय पेशेवर अमेरिका, UAE और अन्य देशों की ओर प्रवास कर रहे हैं, कैसे यह बजट भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर रहा है, विदेशी निवेशक पैसा क्यों निकाल रहे हैं (Foreign Investment) और अमेरिका के बजट की तुलना में भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र कैसे उपेक्षित है।
Dr. Pranav Sharma, a doctor of Jaipur origin living in America.
अमेरिका में रह रहे जयपुर मूल के चिकित्सक डॉ. प्रणव शर्मा।

भारत में निवेश और एफडीआई पर असर होगा

प्रणव शर्मा कहते हैं कि इस बजट का भारत में निवेश और एफडीआई पर असर होगा। बजट में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी गई है, जिससे एनआरआई निवेशकों को अधिक अवसर मिलेंगे। वहीं स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए ₹100 मिलियन तक की क्रेडिट गारंटी का विस्तार किया गया है, जिससे भारतीय-अमेरिकी उद्यमियों के लिए भारत में निवेश करने के नए दरवाजे खुल सकते हैं। भारत सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ‘राष्ट्रीय निर्माण मिशन’ (National Manufacturing Mission) की शुरुआत की है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूत करेगा।

भारतीय शेयर बाजार और एनआरआई निवेशकों के लिए संभावनाएं

उन्होंने कहा कि​ भारत सरकार ने ₹11.2 ट्रिलियन (11.2 लाख करोड़) का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) किया है, जिससे शेयर बाजार को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा टैक्स राहत से मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों (FMCG) और बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा। हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिकी ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता ला सकते हैं।

भारत बनाम अमेरिका: स्वास्थ्य बजट की तुलना

डॉ. प्रणव शर्मा ने कहा कि मैं, एक डॉक्टर होने के नाते, भारत और अमेरिका के स्वास्थ्य बजट की तुलना करना जरूरी समझता हूँ।

देश स्वास्थ्य बजट (2025) जनसंख्या (2025)


भारत ₹2.9 ट्रिलियन (~$35 बिलियन) 1.4 बिलियन (140 करोड़)
अमेरिका $1.7 ट्रिलियन 330 मिलियन (33 करोड़)
उन्होंने कहा कि​ भारत का स्वास्थ्य बजट अमेरिका की तुलना में बहुत कम है, जबकि इसकी आबादी 4 गुना अधिक है। भारत को अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश बढ़ाने की जरूरत है, जिससे लोग बेहतर इलाज के लिए विदेश जाने के बजाय देश में ही इलाज करवा सकें। भारत में स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त निवेश आवश्यक है, ताकि डॉक्टरों और मरीजों के लिए सुविधाओं में सुधार हो सके।

आयकर (Tax Slabs) में बदलाव और एनआरआई पर असर

बजट 2025 में नई कर दरें (Tax Slabs) इस प्रकार हैं:
• ₹0 – ₹4 लाख: शून्य कर
• ₹4 लाख – ₹8 लाख: 5%
• ₹8 लाख – ₹12 लाख: 10%
• ₹12 लाख – ₹16 लाख: 15%
• ₹16 लाख – ₹20 लाख: 20%
• ₹20 लाख – ₹24 लाख: 25%
• ₹24 लाख से अधिक: 30%

पिछले साल (2024) की तुलना में क्या बदला है?

श्रेणी बजट 2024 : बजट 2025
कर मुक्त आय (Tax-Free Slab) ₹7 लाख ₹12 लाख
फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) 5.2% 4.4%
स्वास्थ्य बजट ₹2.5 ट्रिलियन ₹2.9 ट्रिलियन
बीमा क्षेत्र में FDI 74% 100%

भारत में कमाई करने वाले भारतीय-अमेरिकियों को फायदा मिलेगा

डॉ. प्रणव शर्मा ने कहा कि 12 लाख तक की आय पर शून्य कर होने से भारत में कमाई करने वाले भारतीय-अमेरिकियों को फायदा मिलेगा।
एनआरआई टैक्सेशन में कोई बदलाव नहीं, जिससे अमेरिकी नागरिकता प्राप्त भारतीयों को टैक्स में राहत नहीं मिलेगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000 तक बढ़ने से वेतनभोगी करदाताओं को फायदा होगा।

आव्रजन (Immigration) और प्रवास नीतियों पर असर

उन्होंने कहा कि बजट 2025 में आव्रजन पर सीधे तौर पर कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव दिख सकते हैं। जैसे भारत में आर्थिक अवसर बढ़ने से विदेश प्रवास में गिरावट हो सकती है। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप्स को मिलने वाले प्रोत्साहन से उच्च कुशल पेशेवरों को भारत लौटने का मौका मिलेगा। हालांकि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में निवेश कम होने से भारतीय पेशेवरों का अमेरिका और यूरोप जाने का रुझान बना रह सकता है।

क्या 10.1% जीडीपी वृद्धि वास्तविक लक्ष्य है ?

भारत सरकार ने भारत की जीडीपी वृद्धि 10.1% रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन क्या यह संभव है? हां, 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7-8% रहने का अनुमान था, जिससे यह लक्ष्य अत्यधिक आशावादी लगता है।

भारत के पेशेवर अमेरिका, कनाडा और UAE की ओर पलायन कर रहे

उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले आम नागरिकों को यह समझना होगा कि सरकार की नीतियां किस हद तक उनके हित में हैं। एक एनआरआई के रूप में, मैं देख सकता हूँ कि क्यों भारत के पेशेवर अमेरिका, कनाडा और UAE की ओर पलायन कर रहे हैं। अगर सरकार वास्तव में आर्थिक सुधार और सामाजिक कल्याण चाहती है, तो उसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और छोटे व्यापारियों को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। वरना, आने वाले वर्षों में भारत की असमानता और प्रवासन (Brain Drain) की समस्या और अधिक गंभीर हो जाएगी।

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