ये मामला अमेरिका (America) के इडाहो प्रांत का है, यहां के एक सीरियल किलर को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, अपराधी का नाम थॉमस क्रीच है और वो 73 साल का है। इडाहो सुधार विभाग के निदेशक जोश टेवाल्ट ने कहा कि सजा के मुताबिक क्रीच को भी इंजेक्शन देने की तैयारी की जा रही थी, उसे मारने के लिए सभी नर्सों को बुलाया गया, फांसी देने वाले हॉल में उसे ले जाया गया। वहां पर एक बेड पर लिटाकर उसके हाथ और पैर बांध दिए गए थे। इसके बाद नर्सों ने उसे ज़हर का इंजेक्शन देना शुरू किया।
लेकिन लगातार आठ बार उसे इंजेक्शन लगाने की कोशिश फेल हो गई, क्योंकि नर्सों का कहना था कि इंजेक्शन के लगाने के लिए नसें ही नहीं मिल रहीं थीं, नाकाम होने के बाद उन्होंने ऐसे ही इंजेक्शन लगा दिया, लेकिन इसके बाद भी अपराधी को कोई दर्द महसूस नहीं हुआ, वो सिर्फ इतना कह रहा था कि उसे पैरों में थोड़ा सा दर्द है। इसके बाद उसकी मौत की ये सज़ा टाल दी गई। लेकिन जब उसे ये पता चला कि अब उसकी सज़ा को रद्द कर दिया गया है, तब उसे राहत मिली।
बता दें कि 1981 को थॉमस क्रीच को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद आरोप सिद्ध होने के बाद उसे मौत की सजा सुना दी गई थी। हालांकि क्रीच पर सिर्फ एक नहीं, कई हत्याएं करने का आरोप भी है और वो लगभग 6 मामलों में सज़ा भुगत रहा है।
इन देशों में दी जाती है मौत की सज़ा एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कुल 53 देशों में मौत की सजा दी जाती है। इनमें भारत, पाकिस्तान, ईरान, कुवैत, नॉर्थ कोरिया, ईरान, इराक, चीन, अमेरिका समेत कई देश हैं। इनमें फांसी देना, ज़हर देना, करंट देना औऱ सिर काटने जैसी भयानक सज़ाएं शामिल हैं।