क्या है ब्रिटेन की संसद का सिस्टम
ब्रिटेन के आम चुनावों (UK Elections 2024) को जानने से पहले वहां की संसद के बारे में जान लेते हैं। ब्रिटेन की संसद दो सदनीय व्यवस्था है। जैसे भारत में संसद के दो सदन हैं निचला सदन और उच्च सदन। वैसे ही ब्रिटेन में भी दो सदन हैं। हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमन्स। हाउस ऑफ कॉमन्स भारत के लोकसभी की तरह है वहीं हाउस ऑफ लॉर्ड्स एक तरह से भारत के राज्यसभा की तरह है। जिस तरह भारत के राज्यसभा का देश का प्रधानमंत्री चुनने में कोई रोल नहीं होता, वैसे ही ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स को भी ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुनने में कोई भूमिका नहीं होती। ब्रिटेन के आम चुनावों में चुने गए प्रतिनिधि हाउस पर कॉमन्स में जाते हैं और जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। ब्रिटेन के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सदस्य होते हैं इसलिए आम चुनाव ब्रिटेन की 650 सीटों पर लड़ा जाता है। ये व्यवस्था बिल्कुल वैसी है जैसे भारत की संसदीय व्यवस्था है। यानी सरकार बनाने के लिए आम चुनाव में पार्टी को बहुमत चाहिए होता है जो कि 650 के हिसाब से 326 हैं।
चार देशों की जनता देती है वोट
आपको एक खास बात और बता दें कि आम चुनाव ब्रिटेन में होता है लेकिन इसमें 4 देशों की जनता वोट देती है। दरअसल ब्रिटेन यूके में आने वाले इंग्लैंड, वेल्स , आयरलैंड, स्कॉटलैंड जैसे देशों प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए ब्रिटेन के चुनाव का मतलब इन देशों का चुनाव भी होता है। कुल 650 सीटों में 543 सीटें इंग्लैंड की, 57 सीटें स्कॉटलैंड में, 32 सीटें वेल्स में और 18 सीटें आयरलैंड की हैं। ब्रिटेन के चुनाव में लंबे समय से दो पार्टियां ही बड़े राजनीतिक दल बनकर उभरी हैं। जो कंजरवेटिव पार्टी और लेबर पार्टी है। वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी से हैं। हालांकि वहां पर कई छोटी-छोटी पार्टियां जिनके प्रतिनिधि भी हाउस ऑफ कॉमन्स में हैं। यानी ये पार्टियां इतनी भी छोटी नहीं हैं कि इन्हें चुनाव (UK Elections 2024) में जीत नहीं मिलती। भारत की तरह यहां पर भी अगर किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो वो इन पार्टियों से गठबंधन कर सरकार बना लेते हैं।
फिलहाल ब्रिटिश संसद की क्या है स्थिति?
वर्तमान परिदृश्य में देखा जाए तो ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में 342 सांसद हैं। लेबर पार्टी के 205 सांसद हैं। बाकि पार्टियों के पास 1 से 43 तक सांसद हैं।कैसे होता है मतदान?
ब्रिटेन के आम चुनाव में स्कॉटलैंड, आयरलैंड, वेल्स और इंग्लैंड की जनता हिस्सा लेती है। भारत की तरह यहां पर भी लोगों के पास वोटर आईडी कार्ड होता है जो मतदान के लिए अनिवार्य है। हालांकि भारत और ब्रिटेन में इतना फर्क है कि भारत में मतदान EVM से होता है लेकिन ब्रिटेन में आज भी मतदान बैलट पेपर से होता है। वहां पर EVM कभी यूज ही नहीं हुई। UK पार्लियामेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के वोटर उम्मीदवारों को फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड की रैंकिंग भी दे सकते हैं। मतदाता के पास ये अधिकार है कि वो चाहे तो एक प्रतिनिधि को वोट दे सकता है और प्रतिनिधियों को अपनी पसंद के हिसाब से इस तरह की रैंकिंग कर सकता है। यानी वो सबसे ज्यादा किसे पसंद करता है, फिर उससे कम और फिर सबसे कम, इससे वोटर के पसंद के प्रत्याशी का भी पता चलता है।