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हिजबुल्लाह का इजरायल पर सबसे बड़ा हमला, खाना खाते सैनिकों पर दागी मिसाइल, 4 की मौत, 58 घायल

Hezbollah Attack on Israel: पश्चिम एशिया में संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। हिजबुल्लाह के इस हमले से इजरायल तिलमिला गया है। इधर ईरान रूस की मदद ले रहा है क्योंकि उसे अपने ही इंटेलीजेंस पर शक हो रहा है।

नई दिल्लीOct 15, 2024 / 09:53 am

Jyoti Sharma

प्रतीकात्मक छवि

Hezbollah Attack on Israel: हिजबुल्लाह ने इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है, जिसमें 4 इजरायली सैनिकों की मौत हो गई और 58 सैनिक घायल हो गए। इस हमले को इसलिए भी बड़ा माना जा रहा है, क्योंकि ईरान (Iran) के पिछले दिनों किए गए 181 बैलिस्टिक मिसाइल हमलों से भी इजरायल को इतना नुकसान नहीं हुआ था। यह हमला उत्तर-मध्य इजरायल में बिनयामीना के निकट एक सैन्य अड्डे पर किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी हिजबुल्लाह ने लेते हुए कहा है कि उसने IDF यानी इजरायली सेना के गोलानी ब्रिगेड के प्रशिक्षण बेस को भारी संख्या में ड्रोनों से निशाना बनाया।

सैनिकों के खाना खाने के टाइम पर डाइनिंग हॉल में हमला

वहीं, IDF ने बताया कि कुछ ड्रोन स्थानीय समयानुसार शाम 7 बजे से कुछ पहले ही सैनिकों की एक मेस गिरे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरानी मिरसाद ड्रोन ने उस समय डाइनिंग हॉल पर हमला किया जब सैनिक बेस के अंदर खाना खाने के लिए इकट्ठा हो रहे थे। आइडीएफ ने बताया कि सात और सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं। उधर, इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि घटना से जुड़ी परिस्थितियों की जांच की जा रही है, क्योंकि ड्रोन हमले के दौरान कोई चेतावनी सायरन नहीं बजा। मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस समय हमला हुआ उस समय इजरायली सेनाध्यक्ष हर्जी हवेली भी बेस पर मौजूद थे। हमले के बाद, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर निशाना साधा है।

हिजबुल्लाह ने की इजरायली इंटेलीजेंस में घुसपैठ

इस घटनाक्रम को हिजबुल्लाह की इंटेलीजेंस की बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिसने ऐसे मौके पर बेस पर हमला किया जबकि बड़ी संख्या में सैनिक एक जगह मौजूद थे। शुरुआती जांच के अनुसार, हिजबुल्लाह द्वारा लॉन्च किए गए दोनों ड्रोन समुद्र से इजरायली हवाई क्षेत्र में घुसे थे। दोनों ही ईरानी मिरसाद ड्रोन थे। इस ड्रोन की रेंज 120 किलोमीटर, 370 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति, 40 किग्रा विस्फोटक ले जाने की क्षमता है।

ईरान में अलर्ट, तेल लोडिंग 70 फीसदी गिरी

हिजबुल्लाह के इस हमले के बाद ईरान में इजरायली हमले को लेकर हाई अलर्ट देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान अब इजरायली सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रूसी सैटेलाइट की मदद ले रहा है। साथ ही ईरान पिछले दिनों जिस तरह से अपनी ही जमीन पर इजरायल के हमले रोकने में असमर्थ रहा है, उसको लेकर ईरान अपने ही इटेंलीजेंस पर भरोसा नहीं कर पा रहा है। उधर, ईरानी हमले की आशंकाओं के चलते अक्टूबर के पहले दस दिनों में ही ईरान के तेल लदान में लगभग 70% की गिरावट आई, क्योंकि तेल टर्मिनलों पर संभावित इजरायली हमलों की आशंका के कारण ईरानी टैंकर बेड़े की यहां-वहां भेज दिया गया है।

यूरोप ने लगाया ईरानी एयरलाइंस पर प्रतिबंध

उधर, यूरोपीय संघ ने रूस को मिसाइलों और ड्रोन की आपूर्ति की प्रतिक्रिया में ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके तहत ईरान की राष्ट्रीय एयरलाइंस समेत सात व्यक्तियों और सात संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।

गाज़ा और लेबनान पर हमले

इजरायल ने सोमवार को भी गाजा और लेबनान में हमले किए हैं। उत्तरी लेबनान में इजरायली हमलों में 18 की मौत हो गई, वहीं गाजा में एक कैंप और अस्पताल पर हमले में चार लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए। वहीं अमेरिका ने इजरायल को थाड एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति और उसके संचालन के लिए 100 सैनिक तैनात किए जाने के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमरीका ने अपने सैनिकों को इजरायल मरने के लिए नहीं भेजा है।
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