यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के प्रोफेसर माइकल विल्सन ने कहा कि यह बदलाव इस विचार का समर्थन करता है कि महिलाएं प्रजनन के कारण अधिक पारिस्थितिकी-निर्भर होती हैं, क्योंकि गर्भावस्था और शिशु पालन में शारीरिक ऊर्जा की खपत अधिक होती है। वहीं पुरुषों की लंबाई और वजन तेजी से बढऩे का कारण बेहतर पोषण स्थितियां हो सकती हैं। शोध के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विदेशी अधिकारियों और ब्रिटेन की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया।
…तो तेजी से होता है पुरुषों का शारीरिक विकास
शोध में पाया गया कि जब जीवन स्थितियां बेहतर होती हैं, तो पुरुषों की लंबाई और वजन में वृद्धि अधिक तेजी से होती है। जब मानव विकास सूचकांक (एचडीआइ) में 0.2 अंक की वृद्धि होती है, तो महिलाओं की लंबाई औसतन 1.7 सेंटीमीटर और वजन 2.7 किलोग्राम बढ़ता है, जबकि इसी दौरान पुरुषों की लंबाई 4 सेंटीमीटर और वजन 6.5 किलोग्राम बढ़ता है। जैसे-जैसे जीवन स्तर में सुधार होता है, पुरुषों का शारीरिक विकास महिलाओं से अधिक तेजी से होता है।