इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर को जो युद्ध शुरू हुआ था वो अभी भी थमा नहीं है। हमास ने ७ अक्टूबर को इज़रायल में करीब 1,200 लोगों को मार दिया था और 200 से ज़्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। कई बंधकों की रिहाई के बाद भी हमास के चंगुल में अभी भी 100 से ज़्यादा बंधक हैं। हमास ने युद्ध शुरू किया था और उससे बदला लेने के लिए इज़रायल ने भी गाज़ा (Gaza) और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों में कहर बरपाना शुरू कर दिया जो अभी भी जारी है। इस युद्ध में अब तक इज़रायल के 600 से ज़्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं, पर 37 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों की इज़रायली हमलों में मौत हो चुकी हैं। मरने वालों में हमास से जुड़े 6,000 से ज़्यादा आतंकी भी हैं। इस युद्ध की वजह से गाज़ा और आसपास के इलाकों में काफी तबाही मची हुई है और इस वजह से हमास भी इस युद्ध पर विराम चाहता है।
हमास को सीज़फायर प्रस्ताव मंज़ूरहाल ही में अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) का सीज़फायर प्रस्ताव UNSC में पेश किया गया। यह एक 3 चरणीय सीज़फायर प्रस्ताव है और बाइडन के अनुसार यह इज़रायल की तरफ से ही सुझाया गया है। UNSC ने भी इस सीज़फायर प्रस्ताव का समर्थन किया है। हमास ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। इस सीज़फायर प्रस्ताव के अनुसार पहले चरण में शुरुआती 6 हफ्तों के लिए युद्ध विराम लागू किया जाएगा और गाज़ा में बंद कुछ इज़रायली बंधकों को और इज़रायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की अदलाबदली की जाएगी। दूसरे चरण में स्थायी युद्ध विराम के साथ ही बाकी बचे बंधकों की रिहाई होगी। तीसरे चरण में तबाह हो चुके गाज़ा के पुनर्निर्माण का काम होगा।
सिर्फ इज़रायल के ग्रीन सिग्नल का इंतज़ारबाइडन का कहना है कि इज़रायल इस प्रस्ताव से सहमत है। हालांकि अभी तक इज़रायल की तरफ से कोई आधिकारिक ग्रीन सिग्नल नहीं दिया गया है। इज़रायल की तरफ से यह ज़रूर साफ कर दिया गया है कि उसका लक्ष्य सभी बंधकों को आज़ाद कराना, हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट करना और यह सुनिश्चित करना कि भविष्य में गाज़ा इजरायल के लिए खतरा न बने। इज़रायल का मानना है कि हमास की वजह से ही यह युद्ध खत्म नहीं हो रहा है। लेकिन बाइडन के अनुसार इज़रायल भी 3 चरणीय सीज़फायर प्रस्ताव से सहमत है। ऐसे में अब सिर्फ उसके ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार है।