इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध जारी है। हमास ने इस युद्ध की शुरुआत की थी। 7 अक्टूबर को हमास ने इज़रायल में जो कत्लेआम मचाया था, उसकी वजह से ही युद्ध की शुरुआत हुई थी। हमास ने इज़रायल पर करीब 5,000 रॉकेट्स दागे थे और साथ ही घुसपैठ करते हुए कई लोगों को भी मार दिया था और कई लोगों को बंधक बना लिया था। इस हमले के पीछे हमास के एक आँख वाले काने कमांडर मोहम्मद दाइफ (Mohammed Deif) की मुख्य भूमिका थी क्योंकि उसी ने इस हमले की साजिश रची थी। दाइफ हमास की मिलिट्री विंग कास्सम ब्रिगेड का चीफ भी था, पर हाल ही में इज़रायली सेना को दाइफ के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी मिली है।
मोहम्मद दाइफ हुआ ढेरहाल ही में मिली जानकारी के अनुसार दाइफ ढेर हो गया है। हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, पर जानकारी के अनुसार उसकी मौत हो चुकी है। इज़रायली एयर फोर्स ने हवाई हमला करते हुए दाइफ को ढेर करने की बात सामने आ रही है।
इज़रायल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में था नाम शामिलइज़रायल करीब 21 सालों से दाइफ को ढूंढ रहा है। वह इज़रायल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में भी शामिल था। इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और सेना उसके पीछे करीब 21 साल से हैं पर अभी तक कामयाब नहीं हुई हैं। अमेरिका (United States Of America) समेत दूसरे कई देशों ने दाइफ को आतंकी घोषित किया हुआ है। वह 7 बार मरते-मरते भी बचा है पर अब उसकी मौत की खबर सामने आ रही है।
जानिए दाइफ के बारे में सिर्फ एक आँख ही नहीं, दाइफ का एक हाथ और एक पैर भी नहीं है। वह व्हीलचेयर का इस्तेमाल करता है। करीब 21 साल पहले इज़रायली एयर स्ट्राइक में दाइफ ने अपनी एक आँख, एक हाथ और और पैर गंवा दिया। दाइफ का जन्म 1960 में गाज़ा स्ट्रिप के एक रिफ्यूजी कैंप में हुआ था और उसका बचपन रिफ्यूजी कैंप में ही बीता। उसका पूरा नाम मोहम्मद दाइफ इब्राहिम अल-माजरी है। दाइफ की शुरुआती पढ़ाई लिखी गाज़ा में ही हुई। इसके बाद की पढ़ाई उसने इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाज़ा में की। यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान ही दाइफ हमास के करीब आया और इसमें शामिल हो गया।