रोजाना नमाज़ की तरह पेड़ भी लगाएं
उन्होंने कहा कि रमजान (Ramadan) में जैसे मुसलमान रोजा रखते हैं, वैसे ही उन्हें धरती की रक्षा को भी अपना फर्ज बनाना चाहिए। रोजाना नमाज (Namaz) की तरह पेड़ लगाना भी आदत होनी चाहिए। गौरतलब है कि नसरुद्दीन जिस मस्जिद के ग्रैंड इमाम है, उसके पास से एक नदी बहती है। इस नदी में फैले कूड़े कचरे से निराश होकर उन्होंने खुद इसकी सफाई का आदेश दिया था।
ग्रीन मस्जिद में बदली दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद
यही नहीं, दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद को उन्होंने पूरी तरह सौर पैनल से लैस कर इसे ग्रीन मस्जिद (Green Islam) में बदल दिया है। उनका कहना है कि मुसलमानों को प्रकृति की परवाह करनी चाहिए। उनके इस अभियान का असर दूसरे देशों में भी दिखाई देने लगा है। ग्रीन इस्लाम आंदोलन के समर्थकों का कहना है कि 20 करोड़ मुसलमानों को शिक्षित करने से बदलाव लाया जा सकता है।