क्या है ‘ग्रेटर इजरायल’? नक्शे में सऊदी अरब से लेबनान तक के इलाके शामिल, अरब देशों में मची खलबली
Greater Israel: इजरायल के विदेश मंत्रालय का कहना है कि आज से तीन हजार साल पहले इस भूखंड पर यहूदी साम्राज्य का शासन था। अब इजरायल इसी अखंड इजरायल को पाने के लिए हरसंभव कोशिश करेगा।
Greater Israel: पश्चिम एशिया में छिड़ी जंग के बीच इजरायल के एक मैप ने अरब देशों के हुक्मरानों को भी भड़का दिया है। दरअसल, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) प्रशासन की तरफ से अरबी भाषा के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट नक्शे में एक ग्रेटर इजरायल का नक्शा (Greater Israel Map) दिखाया गया है। इस नक्शे को अरब मुल्कों को एक संदेश की तरह देखा जा रहा है। अरबी भाषा में जारी यह नक्शा इजरायल यानी यहूदियों (Jewish) के प्राचीन साम्राज्य होने का दावा करता है।
ग्रेटर इजरायल में कौन से देश शामिल
इजरायल के इस जारी मैप में लेबनान, जॉर्डन, सीरिया, इराक, फिलिस्तीन, मिस्र और यहां तक की सऊदी अरब तक के इलाकों को शामिल किया गया है। इतना ही नहीं, विदेश मंत्रालय के इस नक्शे को जारी करने के साथ दावा किया गया है कि इजरायल अब ग्रेटर इजरायल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
तीन हजार साल पहले था यहूदी शासन
इजरायल के विदेश मंत्रालय का कहना है कि आज से तीन हजार साल पहले इस भूखंड पर यहूदी साम्राज्य का शासन था। इजरायल के मुताबिक, उस समय राजा शाउल, राजा डेविड और राजा सोलोमन ने 120 वर्षों तक यहां शासन किया। इजरायली दावे के मुताबिक, ये वो समय था, जब इस शासन में यहूदी धर्म का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ, लेकिन बाद में कसदी साम्राज्य के हमलों के बाद इस भूखंड पर अरब के खलीफाओं का शासन आया और यहां मुसलमान आकर बसने लगे, लेकिन इजरायल आज भी इस भूखंड को भूला नहीं है और वो अब भी इजरायल को अखंड इजरायल बनाना चाहता है।
बाइबिल का प्रॉमिस्ड लैंड
इजरायल का यह भी कहना है कि बाइबिल के पूर्व-विधान में ग्रेटर इजरायल की सीमाओं का जिक्र है और इसे प्रॉमिस्ड लैंड बताया गया है। बाइबिल में लिखा है कि पैगम्बर इब्राहिम को जो जमीन मिली थी, वो जमीन मिस्र की ‘नायल’ नदी से ‘फरात’ नदी तक मौजूद है, और यही कारण है कि इजरायल इसके आधार पर जॉर्डन, सीरिया, इराक, फिलिस्तीन और सऊदी अरब के इलाकों को अखंड इजरायल का हिस्सा मानता है।
क्षेत्रीय संकट का स्रोत- फिलिस्तीन
अखंड इजरायल के दावे पर मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन और लेबनान की सरकारों ने इजरायल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी इस नक्शे को सम्प्रभुता पर हमला बताते हुए इस अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इसे क्षेत्रीय संकट का सोर्स बताते हुए मामले में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है।