बुर्किना फासो और नाइजर में भी हो चुका है सैन्य तख्तापलट
गैबॉन पहला ऐसा अफ्रीकी देश नहीं है जहाँ हाल ही में यह पिछले कुछ समय में सैन्य तख्तापलट देखने को मिला है। इससे पहले पिछले साल बुर्किना फासो (Burkina Faso) और इस साल जुलाई में नाइजर (Niger) में भी सैन्य तख्तापलट देखने को मिला।
खुशी से झूम उठे लोग
गैबॉन में सैन्य तख्तापलट से जहाँ अफ्रीकी यूनियन के साथ ही दुनिया के कई देशों में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली, वहीं गैबॉन में प्रतिक्रिया ठीक इसके विपरीत रही। गैबॉन में सैन्य तख्तापलट के बाद लोग सड़कों पर उत्तर आए, पर विरोध के लिए नहीं, बल्कि अपनी खुशी जताने। गैबॉन की जनता सैन्य तख्तापलट की वजह से काफी खुश है और उन्होंने इसके लिए सेना का आभार भी जताया।
अफ्रीकी देशों में क्यों हैं लोग सैन्य तख्तापलट से खुश?
सामान्य तौर पर सैन्य तख्तापलट को सही नज़रों से नहीं देखा जाता। पर अफ्रीकी देशों में ऐसा नहीं है। अफ्रीकी देशों में लोग सैन्य तख्तापलट के समर्थन में रहते हैं। ऐसे में मन में यह सवाल आना लाज़िमी है कि अफ्रीकी देशों में लोग सैन्य तख्तापलट से खुश क्यों रहते हैं? इसकी वजह है अफ्रीकी देशों की स्थिति। अफ्रीकी देशों में ज़्यादातर जनता काफी गरीब है। इन देशों में भुखमरी के साथ ही बेरोज़गारी भी बड़ी समस्या है। इस वजह से इन देशों में लोगों का जीवन स्तर भी काफी नीचे है।
अफ्रीकी देशों में खराब स्थिति की सबसे बड़ी वजह है भ्रष्टाचार। अफ्रीकी देशों में संसाधनों की कमी नहीं है पर इन देशों के लीडर्स संसाधनों का इस्तेमाल अपनी जेब भरने, अपनी सुख-सुविधाओं और मज़े के लिए करते हैं। इससे देश की जनता को कोई फायदा नहीं मिलता और जनता भी इन लीडर्स से परेशान रहती है। वहीं सत्ता में आने के बाद ये लीडर्स भी पावर छोड़ना नहीं चाहते। ऐसे में सेना के तख्तापलट से लोगों में इस बात की उम्मीद जगती है कि उनका और देश का भला होगा और स्थिति में सुधार होगा। इस वजह से अफ्रीकी देशों में जनता सैन्य तख्तापलट से खुश रहती है।