माइक पेंस नहीं करेंगे डोनाल्ड ट्रंप का प्रचार
ट्रंप के जिस पुराने करीबी ने इस बार उनका साथ देने से मना कर दिया है, उस करीबी का नाम माइक पेंस (Mike Pence) है। पेंस ट्रंप की सरकार में उपराष्ट्रपति थे और एक समय में ट्रंप के बेहद खास थे। पर पेंस से यह साफ कर दिया है कि वह इस बार के चुनाव के लिए ट्रंप का प्रचार नहीं करेंगे। इससे पहले भी ट्रंप के कई पुराने करीबियों और उनकी रिपब्लिक पार्टी के सदस्यों ने उनका प्रचार करने से मना कर दिया है।
क्यों टूटी ट्रंप और पेंस की दोस्ती?
2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। ट्रंप ने चुनावी नतीजों को पलटने की हर संभव कोशिश की थी पर उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली थी। ट्रंप ने पेंस पर भी ऐसा करने के लिए दबाव डाला था और उनसे चुनावी नतीजों को मानने से मना करने के लिए कहा था। ऐसे में ट्रंप ने यह तक कह दिया था कि अगर पेंस ने उनके कहे अनुसार नहीं किया तो दोनों की दोस्ती खत्म हो जाएगी। पेंस के अनुसार ट्रंप के दबाव से उनकी और उनके परिवार की जान पर भी खतरा पैदा हो गया था। यूं तो राष्ट्रपति रहते हुए ट्रंप की कई नीतियाँ पेंस को पसंद नहीं थी, जिनसे दोनों के बीच दूरियाँ पैदा होनी शुरू हो गई थी, पर चुनावी नतीजों को पलटने के लिए ट्रंप का पेंस पर दबाव बनाना और पेंस का ऐसा न करना दोनों की दोस्ती पूरी तरह से टूटने का कारण बना। ट्रंप ने इसके बाद कई मौकों पर पेंस पर उनकी मदद न करने के लिए निशाना भी साधा था।