हो रहा है सुधार
जिस इंसान के दिमाग में न्यूरालिंक की कंप्यूटर चिप लगाईं गई है, उसकी स्थिति में अब सुधार हो रहा है। साथ ही शुरुआती परिणाम से आशाजनक न्यूरॉन स्पाइक का भी पता चला है।
सोचने भर से संभव हो सकेगा बहुत कुछ
एलन के न्यूरालिंक प्रोजेक्ट के इस प्रोडक्ट का नाम टेलीपैथी (Telepathy) है। एलन ने इस प्रोडक्ट के लक्ष्य के बारे में भी जानकारी दी। एलन ने बताया कि टेलीपैथी प्रोडक्ट के इस्तेमाल से सिर्फ सोचने से ही आपके फोन या कंप्यूटर और उनके माध्यम से लगभग किसी भी उपकरण का नियंत्रण सक्षम हो सकता है।
शुरुआती इस्तेमाल किनके लिए होगा?
शुरुआत में यह प्रोडक्ट का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाएगा जो अपने अंगों का इस्तेमाल करने की क्षमता खो चुके हैं।
क्या है लक्ष्य?
एलन ने लोगों से कल्पना करने के लिए कहा कि अगर स्टीफन हॉकिंग एक स्पीड टाइपिस्ट या नीलामीकर्ता से भी ज़्यादा तेज़ रफ्तार से संवाद कर सकते तो क्या होता। इसे ही एलन ने न्यूरालिंक प्रोजेक्ट के टेलीपैथी प्रोडक्ट का लक्ष्य बताया।