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पाकिस्तान से बातचीत पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुना दी दो टूक, SCO मीटिंग में शामिल नहीं होगा भारत?

India Pakistan Relation: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश के बारे में भी भारत का रुख साफ किया है।

नई दिल्लीAug 30, 2024 / 04:54 pm

Jyoti Sharma

External Affairs Minister S Jaishankar

India Pakistan Relation: भारत और पाकिस्तान के तल्ख रिश्तों पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दे दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान ऐसे समय पर आया है जब SCO समिट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान जाने पर अटकलें लगाई जा रही हैं। एस जयशंकर के इस बयान के बाद अब इस बात को और हवा मिलने लग गई कि SCO समिट में भारत की तरफ से क्या कोई बड़ा प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। 

बातचीत का निकल गया समय- एस जयशंकर

राजदूत राजीव सीकरी की नई किताब “स्ट्रैटेजिक कॉनड्रम्स: रीशेपिंग इंडियाज फॉरेन पॉलिसी” के विमोचन के मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने पर जवाब दिया है। एस जयशंकर ने कहा कि “मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का दौर खत्म हो गया है। हर काम के नतीजे होते हैं। और जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म हो गया है। इसलिए, आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते की कल्पना कर सकते हैं? इस किताब में सुझाव दिया है कि शायद भारत मौजूदा स्तर के संबंधों को जारी रखने से संतुष्ट है। शायद हां, शायद नहीं… हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा लें, हम किसी भी तरह से उस पर प्रतिक्रिया करेंगे।” 

अफगानिस्तान से अच्छे रिश्ते

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि “जहां तक ​​अफगानिस्तान का सवाल है, वहां लोगों के बीच मजबूत रिश्ते हैं। दरअसल, सामाजिक स्तर पर भारत के लिए एक निश्चित सद्भावना है। लेकिन जब हम अफगानिस्तान को देखते हैं, तो मुझे लगता है कि शासन कला की बुनियादी बातों को नहीं भूलना चाहिए। यहां अंतरराष्ट्रीय संबंध काम कर रहे हैं। इसलिए जब हम आज अपनी अफगान नीति की समीक्षा करते हैं, तो मुझे लगता है कि हम अपने हितों के बारे में बहुत स्पष्ट हैं। हम अपने सामने मौजूद ‘विरासत में मिली समझदारी’ से भ्रमित नहीं हैं।”
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी सेना की मौजूदगी वाला अफगानिस्तान अमेरिका की मौजूदगी के बिना वाले अफगानिस्तान से बहुत अलग है। उन्होंने कहा कि वहीं भारत को बांग्लादेश के साथ आपसी हितों का आधार तलाशना होगा और भारत ‘वर्तमान सरकार’ से निपटेगा। बांग्लादेश की आजादी के बाद से हमारे रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं और यह स्वाभाविक है कि हम मौजूदा सरकार के साथ व्यवहार करेंगे। लेकिन हमें यह भी पहचानना होगा कि राजनीतिक परिवर्तन हो रहे हैं और वे विध्वंसकारी हो सकते हैं। और स्पष्ट रूप से यहां हमें हितों की पारस्परिकता पर ध्यान देना होगा।
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