न्यूरालिंक कंपनी की ओर से दावा किया गया कि इंसानों में ये चिप लगने के बाद कई प्रकार के रोगियों के लिए लाभदायक होगी। कंपनी का मानना है कि इस डिवाइस की मदद से लकवा से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को फिर से ठीक किया जा सकेगा। इसके साथ ही भविष्य में कंपनी इंसानों की दृष्टि को भी बेहतर करने वाली टेक्नोलॉजी लाने का प्लान कर रही है।
इंसान सोचकर कह सकेगा अपनी बात
एलन मस्क का दावा है कि चिप लगने के बाद इंसानों को बात करने के लिए बोलना नहीं पड़ेगा। इंसान सोचकर भी अपनी बातों को कह सकेगा। इसके साथ ही इंसान कंप्यूटर से सीधे बात कर पाएगा। इससे पहले न्यूरालिंक कंपनी ने दावा किया था कि उसने एक बंदर के दिमाग में चिप को इंप्लांट किया है, जिसका वीडियो भी कंपनी ने 2021 में शेयर किया था।
एलन मस्क का दावा है कि चिप लगने के बाद इंसानों को बात करने के लिए बोलना नहीं पड़ेगा। इंसान सोचकर भी अपनी बातों को कह सकेगा। इसके साथ ही इंसान कंप्यूटर से सीधे बात कर पाएगा। इससे पहले न्यूरालिंक कंपनी ने दावा किया था कि उसने एक बंदर के दिमाग में चिप को इंप्लांट किया है, जिसका वीडियो भी कंपनी ने 2021 में शेयर किया था।
एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक सबसे पहले ऐसे व्यक्ति पर चिप लगाने वाली है, जो अपनी मांसपेशियों को संचालित नहीं कर पाता है। एलन मस्क को विश्वास है कि “जिस व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी टूट गई है, उसके लिए पूरे शरीर की क्षमता को फिर से ठीक किया जा सकेगा।”
एलन मस्क की कंपनी साल 2016 में शुरू हुई थी,जो इम्प्लांटेबल ब्रेन-मशीन इंटरफेस बनाती है। कंपनी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में पायनियर बिल्डिंग में है। विकीपीडिया के अनुसार इस कंपनी में 90 कर्मचारी काम करते हैं। एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू सहित कई न्यूरोसाइंटिस्टों ने एलन मस्क की इंसानों के दिमाग में लगने वाली चिप की टेक्नोलॉजी के दावों की अलोचना की है।
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