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डोनाल्ड ट्रंप के इस सबसे बड़े फैसले से थर-थर कांपेगा चीन! भारत समर्थक माइक वाल्ट्ज़ को चुना NSA

Donald Trump on China: माइक वाल्ट्ज को चुनकर डोनाल्ड ट्रंप ने ये जता दिया है कि वो भारत को लेकर कितना सजग हैं और चीन को कैसे सबक सिखा रहे हैं।

नई दिल्लीNov 12, 2024 / 11:27 am

Jyoti Sharma

Donald Trump, Mike Waltz, China President Xi Jinping

Donald Trump on China: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समर्थक और चीन विरोधी माइक वाल्ट्ज़ को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी NSA के तौर पर चुना है। माइक वाल्ट्ज़ (Mike Waltz) लगातार संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत के महत्व को दोहराते रहे हैं और चीन (China) की चालाकियों से अमेरिका को सजग करते करते रहे हैं। वाल्ट्ज ने 2023 में भारत (India) के स्वतंत्रता दिवस पर हिस्सा भी लिया था। उन्होंने तब 2047 तक पूरी तरह से विकसित भारत के पीएम मोदी (Narendra Modi) के दृष्टिकोण की सराहना की थी और कहा था कि अमेरिका और उसके उद्योग भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के साथ मिलकर भारत के साथ काम करेंगे।
वाल्ट्ज़ ने चीन के हाथों बढ़ती आक्रामकता पर भी कई बार बयान दिया है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान, हिंद महासागर और नियंत्रण रेखा जैसे मोर्चों से भारत को खतरा है। इसलिए अमेरिका और भारत को उस तरह की आक्रामकता को रोकने के लिए हर पहलू पर मिलकर काम करने की जरूरत है।

कौन हैं माइक वाल्ट्ज़?

बता दें कि वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। वे रक्षा सचिवों डोनाल्ड रम्सफेल्ड और रॉबर्ट गेट्स के लिए रक्षा नीति निदेशक भी रह चुके हैं। वे 2018 में कांग्रेस के सदस्य के तौर पर चुने गए थे। इसके अलावा वे अमेरिका की सैन्य रसद की देखरेख करने वाली हाउस आर्म्ड सर्विसेज उपसमिति के अध्यक्ष हैं और खुफिया मामलों की चयन समिति में भी हैं। 

भारत के दोस्त, चीन के दुश्मन

माइक वाल्ट्ज के अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने से अब चीन को कड़ा सबक सिखाया जा सकता है। भारत के साथ अमेरिका के रक्षा सौदों और समझौतों को विस्तार दिया जा सकता है। दरअसल माइक वाल्ट्ज़ ने कहा है कि “अमेरिका की परमाणु शक्ति, बढ़ती नौसेना, एक शीर्ष स्तरीय अंतरिक्ष कार्यक्रम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ आर्थिक और सैन्य सहयोग में भारत एक मजबूत साथी बनेगा। उन्होंने कहा था कि ये अमेरिका को अफगानिस्तान में संभावित आतंकवादी खतरों के साथ-साथ चीन का मुकाबला करने के लिए और इससे निपटने के लिए सक्षम करेगा। ताकि चीन को मध्य और दक्षिणी एशिया में आगे बढ़ने से पहले रोका जा सके।”

ट्रंप के कार्यकाल में भारत से मजबूत हुए संबंध

दरअसल वाल्ट्ज ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका और भारत एक दूसरे के और करीब आए। इसमें 2018 संचार संगतता और सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करना मील का पत्थर साबित हुआ था। अक्टूबर 2020 में, ट्रंप प्रशासन और भारत सरकार ने भू-स्थानिक सहयोग के लिए एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने उन्नत नेविगेशनल उपकरणों के साथ भारतीय सेना के हथियार प्रणालियों को बढ़ावा दिया।
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