विदेश

G-20 Summit: पीयूष गोयल बोले- विकसित देशों ने पहले खूब फायदा उठाया, अब काॅर्बन उत्सर्जन कम करें

भारत की ओर से बतौर प्रतिनिधि पीयूष गोयल ने स्कॉटलैंड में जलवायु परिवर्तन को लेकर होने जा रहे कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑल पार्टीज यानी COP-26 से पहले स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत विकासशील देशों की आवाज बनेगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगले कुछ वर्षों में तकनीक के अभाव की वजह से कार्बन ऊर्जा का इस्तेमाल पूरी तरह रोकना संभव नहीं, ऐसे में पहले फायदा उठा चुके विकसित देशों को अब इसकी खपत कम करनी चाहिए।
 

Nov 01, 2021 / 09:33 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
भारत ने G-20 के मंच से ऊर्जा की खपत और काॅर्बन उत्सर्जन को लेकर विकसित देशों को दो टूक शब्दों में कड़ा संदेश दिया है। भारत ने विकसित देशों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने यहां ऊर्जा की खपत कम करें, जिससे विकासशील देशों के लिए काॅर्बन उत्सर्जन का रास्ता साफ हो।
भारत की ओर से बतौर प्रतिनिधि पीयूष गोयल ने स्कॉटलैंड में जलवायु परिवर्तन को लेकर होने जा रहे कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑल पार्टीज यानी COP-26 से पहले स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत विकासशील देशों की आवाज बनेगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगले कुछ वर्षों में तकनीक के अभाव की वजह से कार्बन ऊर्जा का इस्तेमाल पूरी तरह रोकना संभव नहीं, ऐसे में पहले फायदा उठा चुके विकसित देशों को अब इसकी खपत कम करनी चाहिए।
https://twitter.com/ANI?ref_src=twsrc%5Etfw
पीयूष गोयल ने कहा कि जिन विकसित देशों ने अब तक ऊर्जा का भरपूर लाभ उठाया है, उन्हें तेजी से इसके उत्सर्जन में कटौती करनी चाहिए, जिससे विकासशील देश भी विकसित होने के लिए कार्बन ऊर्जा का उपयोग कर सकें। गोयल ने यह भी कहा कि मौजूदा समय में स्वच्छ ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए पर्याप्त तकनीक नहीं है, इसलिए कार्बन ऊर्जा के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने से पहले हमें तकनीक और नए संसाधनों पर अधिक काम करने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें
-

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद हिन्दी के मुरीद हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों, तुरंत हिंदी में ही लिख दिया यह ट्वीट

पांच दिनों तक चले G-20 देशों के सम्मेलन के आखिरी दिन रोम डेक्लेरेशन जारी किया गया। पीयूष गोयल के बयान से पहले सम्मेलन के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने भी अपने संबोधन में कहा कि COP-26 जलवायु सम्मेलन ही ग्लोबल वॉर्मिंग को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए आखिरी और सबसे अच्छी उम्मीद है।
यह भी पढ़ें
-

चीन ने कोरोना वायरस पर बोला झूठ, ‘अमरीका के पोर्क, ब्राजील के बीफ और सऊदी अरब के झींगों से फैला संक्रमण’

विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के अलावा कोरोना महामारी और टीकाकरण पर भी चर्चा हुई। वहीं, जलवायु परिवर्तन को लेकर ग्लासगो में COP-26 12 नवंबर तक चलने वाला है। इसमें दुनियाभर में बदलती मौसम की घटनाओं और 150 सालों के जीवाश्म ईंधन के जलने से जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में लगभग 200 देशों के वार्ताकार 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के बाद से लंबित मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

Hindi News / world / G-20 Summit: पीयूष गोयल बोले- विकसित देशों ने पहले खूब फायदा उठाया, अब काॅर्बन उत्सर्जन कम करें

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.