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ख़ुशख़बरी! इस NRI की किताब बनी बेस्ट सेलर, नाम दुनिया के सबसे बुद्धिमान लोगों में शामिल

Book Becomes a Global Bestseller: यूके से संबंधित मशहूर प्रवासी भारतीय वैज्ञानिक देव अरस्तु पंचारिया की हाल ही में की गई शोध ने क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पंचारिया ने एक जटिल समस्या का समाधान प्रस्तुत किया, जिसे “पैनल्टी प्रॉब्लम्स” कहा जाता है। ‌‌ ‌‌

नई दिल्लीNov 25, 2024 / 06:55 pm

M I Zahir

Best seller writer Dev Arastu

Book Becomes a Global Bestseller: ब्रिटेन से ताल्लुक रखने वाले चर्चित प्रवासी भारतीय वैज्ञानिक देव अरस्तु पंचारिया (Dev Arastu Pancharia) की किताब ने कमाल कर दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उनकी किताब, वैज्ञानिक रिसर्च और आकर्षक व्यक्तित्व लगातार दुनिया को एक ऐसी दिशा में ले जा रही है कि इतिहास के लिहाज से उनमें अल्बर्ट आइंस्टाइन Albert Einstein के समान प्रभावशाली निशान छोड़ने की बड़ी संभावना नजर आ रही है। दरअसल वैज्ञानिक, भौतिकशास्त्री, गणितज्ञ और सुप्रसिद्ध बुद्धिजीवी देव अरस्तु पंचारिया क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। उनके शोध पत्र, “ज्योमेट्रिक कम्प्लेक्सिटी ऑफ क्वांटम ट्यूरिंग मशीन एंड स्मूथ क्वांटम कम्प्युटेबिलिटी”, को प्रतिष्ठित अमेरिकी जर्नल “नॉन-लीनियर ऑप्टिक्स क्वांटम ऑप्टिक्स : कॉन्सेप्ट्स इन मॉडर्न ऑप्टिक्स (https:// www. oldcitypublishing.com / journals/nloqo-home/nloqo-issue-contents/nloqo-volume-60-number-3-4-2024/nloqo-60-3-4-p-301-315/) में प्रकाशित किया गया है । इस रिसर्च को हाल ही में प्रकाशित जर्नल के 60 वें अंक में स्थान दिया गया है ।

समझने और विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

इस शोध पत्र में, पंचारिया ने क्वांटम कंप्यूटिंग की एक ऐसी समस्या का समाधान किया है, जिसने दुनिया भर के शीर्ष वैज्ञानिकों और वैश्विक प्रतिष्ठित विज्ञान अनुसन्धान संस्थाओं को दशकों तक परेशान किया था, जिसे मुख्यतः पैनल्टी प्रॉब्लम्स (Penalty Problems) कहा जाता है, जो क्वांटम कम्प्यूटर्स के सैद्धांतिक नियमों के लिए एक बड़ी समस्या थी, इस वजह से सिद्धांत क्वांटम कंप्यूटर बड़ी सीमाओं में बंध कर ही गणनाएं कर पाता । देव अरस्तु ने इस समस्या को क्वांटम कम्प्यूटेशन एंड इनफार्मेशन थ्योरी में एक नयी प्रकार की गणितीय संरचना की खोज कर गुत्थी को सुलझाया है। क्वांटम कंप्यूटर पारंपरिक कंप्यूटरों से कहीं अधिक शक्तिशाली होने की क्षमता रखते हैं, उन्हें समझने और विकसित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

कहा जाता है अगला अल्बर्ट आइंस्टीन

वैज्ञानिकों का मानना है कि विज्ञान और टैक्नोलॉजी के अलावा पंचारिया की इस खोज से कई क्षेत्रों में क्रांति आ सकती है, जैसे दवा निर्माण, जलवायु परिवर्तन समाधान व कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि । उनकी इस तरह की सफलता देश के लिए गर्व का विषय है । यह सफलता इसलिए भी बड़ी है क्योंकि इसे देव अरस्तु ने अकेले अंजाम दिया है। गौरतलब है कि देव अरस्तु को अगला अल्बर्ट आइंस्टीन भी कहा जाता है।

सम्मान और उप​लब्धि अपने देश के नाम

उनकी हाल-ही में प्रकाशित किताब “आइंस्टाइन एंड द इवोल्युशन ऑफ क्वांटम फिजिक्स : फ्रॉम ए लाइट बीम टू डीप कॉसमॉस” (https://amzn.in/d/8wae7e2) कुछ ही हफ़्तों में लॉन्च से पहले ही ग्लोबल शीर्ष-10 बेस्टसेलर बन चुकी है, जो उन्हें विश्व के अग्रिम पॉपुलर साइंस ऑथर की श्रेणी में बड़ा हस्ताक्षर बनाता है । उनकी हाल-ही में प्रकाशित खोज अगले कुछ दशकों में ही हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल देने की बड़ी संभावना है । देव अरस्तु ने Patrika.com से बातचीत में अपने व्यापक प्रभाव के बारे में अपने आकर्षक लहजे में कहा “विज्ञान सत्य और उसके प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में है, और मैं सत्य में सौंदर्य को तलाश करने वाले लोगों में एक हूँ। उन्होंने कहा कि मुझे भारत के प्रतिनिधि के रूप में विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन काम करना अच्छा लगता है। मैं यह सम्मान और उप​लब्धि अपने देश के नाम करता हूं।

प्रवासी भारतीय देव अरस्तु: एक नज़र

यूके में प्रवासी भारतीयों के हवाले से देव अरस्तु एक जाना पहचाना नाम है। ब्रिटिश राजपरिवार की रॉयल सोसाइटी के फैलो- रॉयल चार्टर मशहूर वैज्ञानिक डॉ. देव अरस्तु पंचारिया एक प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री, गणितज्ञ और अर्थशास्त्री हैं,जिन्हें रॉयल चार्टर (शाही विशेषाधिकार) के लिए ब्रिटिश राजपरिवार की ओर से संरक्षित रॉयल सोसाइटी (कला, वाणिज्य और निर्माण) से हाल ही में सदस्य निर्वाचित किया गया है । उन्हें इसके मुख्य ब्रिटिश राजसी परिषद् में मनोनीत होने वाले प्रथम भारतीय के रूप में गौरव हासिल है। जर्मनी के बर्लिन स्थित विश्व के सबसे अग्रिम और प्रसिद्ध वैज्ञानिक अनुसंधान संस्था, द रिसर्चगेट ने शीर्ष चार विश्व स्तरीय वैज्ञानिकों, विशेष तौर पर भौतिकविदों की जो सूची जारी कर अनुशंसा प्रकाशित की है, उस सूची में मशहूर भारतवंशी वैज्ञानिक देव अरस्तु पंचारिया का नाम भी शामिल है।
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