ये है पूरा मामला
चीनी नागरिक इंटरनेट पर एलन मस्क को जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं। चीन के लोगों का ये गुस्सा उसके स्टालिंक सैटेलाइट के चीनी स्पेस स्टेशन से टकराते-टकराते बचने की वजह से निकल रहा है।
वहीं चीन ने दावा भी किया है कि एलन मस्क के सैटेलाइट के साथ टक्कर रोकने के लिए उसके स्पेस स्टेशन को पीछे हटाने के लिए दवाब भी बनाया गया। इसको लेकर चीन ने इसी महीने संयुक्त राष्ट्र में इसकी शिकायत की है।
यह भी पढ़ेँः एलन मस्क : लोग नहीं जानते, मैं सबसे पहले एक इंजीनियर हूं
चीनी नागरिक इंटरनेट पर एलन मस्क को जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं। चीन के लोगों का ये गुस्सा उसके स्टालिंक सैटेलाइट के चीनी स्पेस स्टेशन से टकराते-टकराते बचने की वजह से निकल रहा है।
वहीं चीन ने दावा भी किया है कि एलन मस्क के सैटेलाइट के साथ टक्कर रोकने के लिए उसके स्पेस स्टेशन को पीछे हटाने के लिए दवाब भी बनाया गया। इसको लेकर चीन ने इसी महीने संयुक्त राष्ट्र में इसकी शिकायत की है।
यह भी पढ़ेँः एलन मस्क : लोग नहीं जानते, मैं सबसे पहले एक इंजीनियर हूं
यूएन को भेजे दस्तावेज
चीन ने मस्क की शिकायत के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की अंतरिक्ष एजेंसी को इस संबंध में कुछ दस्तावेज सौंपे हैं। इन दस्तावेजों के मुताबिक, चीन के तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन, जुलाई और अक्टूबर में स्पेस एक्स के स्टारलिंक उपग्रहों के साथ दो बार टकराव से बचे। पहली बार 1 जुलाई को और दूसरी बार 21 अक्टूबर को ये घटना घटी, जब दोनों के बीच टक्कर होते-होते बची।
इस टक्कर से बचने के लिए चीन के स्पेस स्टेशन को दोनों बार बचाव के खास उपाय करने पड़ गए। स्पेस स्टेशन पीछे हटना पड़ा, जिससे उसके स्पेस कार्यक्रम में भी खलल पड़ा। यही वजह है कि चीन काफी नाराज है।
चीन ने मस्क की शिकायत के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की अंतरिक्ष एजेंसी को इस संबंध में कुछ दस्तावेज सौंपे हैं। इन दस्तावेजों के मुताबिक, चीन के तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन, जुलाई और अक्टूबर में स्पेस एक्स के स्टारलिंक उपग्रहों के साथ दो बार टकराव से बचे। पहली बार 1 जुलाई को और दूसरी बार 21 अक्टूबर को ये घटना घटी, जब दोनों के बीच टक्कर होते-होते बची।
इस टक्कर से बचने के लिए चीन के स्पेस स्टेशन को दोनों बार बचाव के खास उपाय करने पड़ गए। स्पेस स्टेशन पीछे हटना पड़ा, जिससे उसके स्पेस कार्यक्रम में भी खलल पड़ा। यही वजह है कि चीन काफी नाराज है।
पहले भी निशाने पर आ चुके मस्क
ये पहला मौका नहीं है जब एलन मस्क स्टारलिंक को लेकर आलोचना का शिकार हो रहे हों। इससे पहले भी वे इस प्रोजेक्ट की वजह से कई बार आलोचनाओं का सामना कर चुके हैं। इस प्रोजेक्टर को लेकर एस्ट्रोनॉमर्स ने निशाना बनाया था। एस्ट्रोनॉमर्स का आरोप था कि स्टारलिंक के सैटेलाइट रात में आसामन में काफी चमकते हैं, जिससे उन्हें सितारों की स्टडी करने में काफी मुश्किल होती है।
ये पहला मौका नहीं है जब एलन मस्क स्टारलिंक को लेकर आलोचना का शिकार हो रहे हों। इससे पहले भी वे इस प्रोजेक्ट की वजह से कई बार आलोचनाओं का सामना कर चुके हैं। इस प्रोजेक्टर को लेकर एस्ट्रोनॉमर्स ने निशाना बनाया था। एस्ट्रोनॉमर्स का आरोप था कि स्टारलिंक के सैटेलाइट रात में आसामन में काफी चमकते हैं, जिससे उन्हें सितारों की स्टडी करने में काफी मुश्किल होती है।
यह भी पढ़ेँः पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा अमरीकाः एलन मस्क ने भी माना अमरीका के विकास में भारतीयों का योगदान अहम
1700 से ज्यादा सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजे गए
दरअसल स्टारलिंक एलन मस्क का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसके जरिए सूटकेस साइज के हजारों सैटेलाइट लॉन्च कर उनकी मदद से दुनिया भर में इंटरनेट सर्विस (Satellite Internet) देने की एलन मस्क की योजना है। बता दें कि अब तक स्टारलिंक के जरिए 1700 से ज्यादा सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजे जा चुके हैं।
1700 से ज्यादा सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजे गए
दरअसल स्टारलिंक एलन मस्क का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसके जरिए सूटकेस साइज के हजारों सैटेलाइट लॉन्च कर उनकी मदद से दुनिया भर में इंटरनेट सर्विस (Satellite Internet) देने की एलन मस्क की योजना है। बता दें कि अब तक स्टारलिंक के जरिए 1700 से ज्यादा सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजे जा चुके हैं।