भारत-अमेरिका से आगे निकलना चाहता है चीन!
भारत ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को उतारा था। ऐसा करने वाला भारत पहला ऐसा देश बन गया था जो चांद के उस हिस्से पर पहुंचा था जहां आज तक कोई नहीं पहुंचा था। इसके बाद इसी साल 2024 में चीन और अमेरिका ने भी चांद के दक्षिणी हिस्से पर अपने-अपने रोवर उतार दिए और भारत की इस उपलब्धि की बराबरी कर ली। अब चीन चांद पर ही अपना कब्जा जमाना चाहता है। वो भारत और अमेरिका जैसे देशों से कहीं आगे निकलने की होड़ दिखा रहा है। इसलिए वो अब चांद पर बेस बनाने की तैयारी कर रहा है।2050 तक पूरा होगा ये प्रोजेक्ट
चीन की अंतरिक्ष एजेंसी CNSA ने 15 अक्टूबर को किए ऐलान में कहा था कि चीन अब चांद पर अपना बेस बनाएगा, इस कार्यक्रम को हर हाल में 2050 तक पूरा करना है। इस कार्यक्रम के तहत चीन चांद पर अपना चंद अंतरिक्ष स्टेशन यानी Moon Space Station, मानवसहित मून मिशन, धरती के अलावा चांद समेत दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश के लिए मिशन चलाएगा।क्या है चीन का ये प्रोजेक्ट?
चीन के इस प्रोजेक्ट का नाम है अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन यानी ILRS. ये प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण 2035 तक पूरा होगा। जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक बुनियादी रोबोटिक चंद्रमा आधार बनाया जाएगा। वहीं दूसरा चरण 2050 तक पूरा होगा। इसमें पहले चरण को विस्तार दिया जाएगा। जिसमें चंद्र कक्षा स्टेशन, दक्षिणी ध्रुव स्टेशन और रिसर्च नोड्स शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट ILRS को सौर, रेडियोआइसोटोप और परमाणु जनरेटर के जरिए संचालित किया जाएगा और इसमें संचार नेटवर्क, चंद्र वाहन और चालक रोवर शामिल होंगे। इसके लिए भी चीन ने योजनाएं बनाई हैं। 1- संसाधनों के सर्वे के लिए 2026 और 2028 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोबोटिक मिशन भेजे जाएंगे।
2- चंद्रमा की सतह के नीचे पानी की बर्फ जमा होने वाले क्षेत्र में आधार का निर्माण किया जाएगा। 3- मानव और रोबोट के लंबे समय तक चांद पर रहने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा।