विशालकाय लम्बा—चौड़ा निर्माण
33,000 वर्ग मीटर में फैली बिल्डिंग में छः मंजिला कार्यालय परिसर, नेशनल असेंबली और सीनेट आवास वाली चार मंजिला इमारत शामिल है। प्रत्येक मंजिल पर तीन पुल भवनों को जोड़ते हैं। नेशनल असेंबली में 400 लोग बैठ सकते हैं, जबकि सीनेट कक्ष में 150 लोग बैठ सकते हैं। इसमें कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं, 15 समिति कक्ष, स्टाफ कार्यालय स्थान और एक कार पार्किंग क्षेत्र भी है। कार्यालय भवन में 600 कमरे हैं जिनमें सांसद और कर्मचारी रह सकते हैं।
33,000 वर्ग मीटर में फैली बिल्डिंग में छः मंजिला कार्यालय परिसर, नेशनल असेंबली और सीनेट आवास वाली चार मंजिला इमारत शामिल है। प्रत्येक मंजिल पर तीन पुल भवनों को जोड़ते हैं। नेशनल असेंबली में 400 लोग बैठ सकते हैं, जबकि सीनेट कक्ष में 150 लोग बैठ सकते हैं। इसमें कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं, 15 समिति कक्ष, स्टाफ कार्यालय स्थान और एक कार पार्किंग क्षेत्र भी है। कार्यालय भवन में 600 कमरे हैं जिनमें सांसद और कर्मचारी रह सकते हैं।
सबसे बड़ा स्टेडियम भी दे चुका
1987 में बीजिंग द्वारा देश के सबसे बड़े स्टेडियम का निर्माण करने के बाद संसद भवन चीन द्वारा जिम्बाब्वे को दिया गया दूसरा प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर डोनेशन (Infrastructure Donation) है। राजधानी हरारे में स्थित, नेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में 60,000 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन खराब रखरखाव के कारण अफ्रीकी फुटबॉल फेडरेशेन द्वारा इसके अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैचों की मेजबानी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। चीन 1.2 अरब डॉलर की अनुमानित लागत से देश के सबसे बड़े थर्मल पावर स्टेशन का भी अपग्रेडेशन कर रहा है।
1987 में बीजिंग द्वारा देश के सबसे बड़े स्टेडियम का निर्माण करने के बाद संसद भवन चीन द्वारा जिम्बाब्वे को दिया गया दूसरा प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर डोनेशन (Infrastructure Donation) है। राजधानी हरारे में स्थित, नेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में 60,000 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन खराब रखरखाव के कारण अफ्रीकी फुटबॉल फेडरेशेन द्वारा इसके अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैचों की मेजबानी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। चीन 1.2 अरब डॉलर की अनुमानित लागत से देश के सबसे बड़े थर्मल पावर स्टेशन का भी अपग्रेडेशन कर रहा है।
मुगाबे के दौर से कर्ज को बढ़ावा
मानवाधिकारों के उल्लंघन और चुनावी धोखाधड़ी और कई देशों के प्रतिबंधों से प्रभावित होने के बाद शक्तिशाली राष्ट्रपति दिवंगत रॉबर्ट मुगाबे (Robert Mugabe) के युग के दौरान जिम्बाब्वे ने ‘चीन का कर्जदार बनने की नीति’ अपनाई। सैन्य तख्तापलट के बाद 2017 में राष्ट्रपति इमर्सन इमर्सन नंगाग्वा ने मुगाबे से पदभार संभाला लेकिन चीन का कर्जदार बनने का सिलसिला जारी है।
मानवाधिकारों के उल्लंघन और चुनावी धोखाधड़ी और कई देशों के प्रतिबंधों से प्रभावित होने के बाद शक्तिशाली राष्ट्रपति दिवंगत रॉबर्ट मुगाबे (Robert Mugabe) के युग के दौरान जिम्बाब्वे ने ‘चीन का कर्जदार बनने की नीति’ अपनाई। सैन्य तख्तापलट के बाद 2017 में राष्ट्रपति इमर्सन इमर्सन नंगाग्वा ने मुगाबे से पदभार संभाला लेकिन चीन का कर्जदार बनने का सिलसिला जारी है।