क्यों आते हैं भूकंप? (Why do earthquakes occur)
भूकंप (Earthquake) पृथ्वी के भीतर होने वाली हलचलों से पैदा होता है। इस हलचल से भूकंपीय तरंगों (Seismic waves) के तौर पर इकट्ठी हुई ‘इलास्टिक स्ट्रेन’ ऊर्जा निकलती है, जो पृथ्वी के जरिए फैलती है और जमीन पर लंबे समय तक के लिए विनाश के निशान दे जाती है।पृथ्वी की संरचना (Structure Of Earth)
बड़े भूकंपों से जो तरंगे निकलती हैं उनमें पृथ्वी की आंतरिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होती है। जैसे ही भूकंपीय तरंगें पृथ्वी से होकर गुजरती हैं, वे अपवर्तित (Refraction) हो जाती हैं जैसे कांच के प्रिज्म से गुजरने पर प्रकाश की किरणें झुक जाती हैं। क्योंकि भूकंपीय तरंगों की गति घनत्व (Density) पर निर्भर करती है और ये पृथ्वी कई परतों से बनी होती हैं।टेक्टोनिक प्लेट बनती हैं भूकंप (Earthquake) का कारण
बता दें कि धरती की बाहरी परत लगभग 15 प्रमुख स्लैबों में बंटी हुई होती है। जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic Plate) कहा जाता है। ये स्लैब स्थलमंडल का निर्माण करते हैं, जिसमें क्रस्ट (Crust) (महाद्वीपीय और महासागरीय) और मेंटल (Mantle) (पृथ्वी का सबसे ऊपर वाला भाग) का ऊपरी भाग शामिल होता है। टेक्टोनिक प्लेट्स एक-दूसरे के सापेक्ष बहुत धीमी चाल से चलती हैं। ये प्लेट्स आमतौर पर हर साल सेंटीमीटर की चाल से चलती हैं। ये प्लेट्स ही जब चलते-चलते आपस में टकरा जाती हैं जिसकी वजह से भूकंप आता है। रिसर्च में पता चला है कि ज्यादातर भूकंप टेक्टोनिक प्लेट सीमाओं से जुड़े होते हैं। ये भी पढ़ें- इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है?
बार-बार क्यों आ रहे हैं भूकंप?
अमेरिकी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट USGC की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी या भूकंप दर के सामान्य उतार-चढ़ाव भूकंपीयता में अस्थाई बढ़ोतरी की हिस्सा है। इन घटनाओं का बढ़ना एक संकेत माना जा सकता है। कॉमकैट की भूकंप सूची में हाल के सालों में भूकंपों की बढ़ती संख्या शामिल है। ये रिपोर्ट बताती है कि भूकंप का बढ़ना ये नहीं बताता है कि भूकंप की संख्या बढ़ गई है क्योंकि ये भूकंप पहले भी आते थे लेकिन इन्हें मापने के लिए उतने उपकरण उपलब्ध नहीं थे जितने की अब हैं। अब भूकंप मापने के ज्यादा से ज्यादा उपकरण उपलब्ध हैं जो हर तीव्रता के भूकंपों को मापने में सक्षम हैं। अमेरिका का राष्ट्रीय भूकंप सूचना केंद्र अब दुनिया भर में हर साल लगभग 20,000 भूकंप या हर दिन लगभग 55 भूकंपों का पता लगाता है। इसे संचार में सुधार और प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ती रुझान के नतीजन लोग अब भूकंप के बारे में पहले से कहीं ज्यादा तेजी से जान जाते हैं।
1960 से बढ़े भूकंप
सन् 1960 से देखा जाए तो अब तक 20 से ज्यादा बड़े भूकंप आ चुके हैं। इसमें 7 तीव्रता के 15 भूकंप और 8.0 या उससे ज्यादा तीव्रता का एक भूकंप शामिल है। पिछले 40-50 सालों में बड़े भूकंपों की दीर्घकालिक औसत संख्या को लगभग एक दर्जन बार पार किया गया है। साल 2010 में 7.0 तीव्रता से ज्यादा या इसके बराबर 23 बड़े भूकंप आए थे। बाकी सालों में कुल 16 बड़े भूकंप आए थे। वहीं 1989 में केवल 6 बड़े भूकंप आये और 1988 में केवल 7 भूकंप आए थे।धरती पर कौन से क्षेत्र खतरे में
आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि आप जहां रहते हैं क्या वो भूकंप-संभावित जोन में (Earthquake-Prone Zone) आता है। तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि भूकंप के समय अपने आपको कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। धरती पर भूकंप संवेदनशील इलाकों में जापान, इंडोनेशिया, चीन, हिमालयी क्षेत्र (भारत-नेपाल) , फिलीपींस, ईरान, टर्की, पेरू, अमेरिका, इटली, मैक्सिको शामिल हैं। ये भी पढ़ें- दुबई में इतनी बारिश क्यों हो रही है?