विदेशी छात्रों की संख्या कम करने को लिए फैसला
दरअसल कनाडा की सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकी कनाडा में विदेश से आने वाले छात्रों की संख्या कम हो सके। कनाडा की एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा ये फैसला बहुत जल्द ले सकता है जिससे स्टूडेंट वीज़ा की संख्या में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। अप्लाई बोर्ड के मुताबिक वीज़ा परमिट को 2018 और 2019 के बराबरी लाया जा सकता है। अप्लाई बोर्ड की रिपोर्ट कहती है कि इस साल के शुरुआत में ही वीज़ा अप्रूवल में ही काफी गिरावट देखी गई है। इसकी वजह बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल कनाडा ने वीज़ा अप्रूवल करीब आधे ही किए हैं। साथ ही ये भी कहा है कि आने वाले समय में ये और भी कम हो जाएंगे क्योंकि कनाडा स्टूडेंट वीज़ा में 50 प्रतिशत की कटौती करने वाला है।
कितने भारतीय कनाडा में पढ़ने जाते हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में कुल 5.5 लाख विदेशी छात्र कनाडा पढ़ने आए थे। जिसमें 40 प्रतिशत यानी 2.26 लाख छात्र भारत से थे। वहीं वर्तमान में 3.2 लाख भारतीय छात्र कनाडा में स्टूडेंट वीज़ा पर रह रहे हैं।
कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय
बता दें कि कनाडा में भारतीय मूल के सबसे बड़े विदेशी समुदाय है, 2021 तक लगभग 1.86 मिलियन इंडो-कैनेडियन हैं। भारतीय आप्रवासी कनाडा की आबादी का 2.4% बनाते हैं, जो चीन और फिलीपींस से अधिक है। कनाडा भी भारतीय तकनीकी प्रतिभाओं को देश में आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। 2023 में, कनाडा ने संयुक्त राज्य अमेरिका के एच1-बी वीज़ा धारकों को ओपन वर्क परमिट की पेशकश की, और कार्यक्रम ने इतने सारे आवेदन आकर्षित किए कि यह 48 घंटों से भी कम समय में 10,000 की सीमा तक पहुंच गया।